
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि दंगों के दौरान सरकार-पुलिस ने निष्क्रियता दिखाई। कोर्ट ने दंगों में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने इस्लामिक रिलीफ कमेटी ऑफ गुजरात (आईआरसीजी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दंगों को रोकने के लिए राज्य सरकार और पुलिस की ओर से कमी, कार्रवाई नहीं होने और लापरवाही के नतीजतन प्रदेश में व्यापक स्तर पर धार्मिक स्थानों को नुकसान पहुंचा। अदालत ने कहा कि इन स्थानों की मरम्मत और मुआवजे की जिम्मेदारी सरकार की है।
अदालत ने कहा कि जब सरकार ने मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान के लिए मुआवजा अदा किया तो उसे धार्मिक स्थलों को भी क्षतिपूर्ति देनी चाहिए। अदालत ने यह आदेश भी दिया कि प्रदेश के 26 जिलों के न्यायाधीश अपने संबंधित जिलों में धार्मिक स्थानों के लिए मुआवजे के आवेदनों को प्राप्त कर उन पर फैसला लेंगे, तथा छह महीने के भीतर अपने फैसले हाईकोर्ट को बताएंगे।
वर्ष 2003 में आईआरसीजी की याचिका में मांग की गई थी कि दंगों के दौरान धार्मिक स्थलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को मुआवजा अदा करने का निर्देश इस आधार पर दिया जाए कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इसकी सिफारिश की थी और राज्य सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर सुझाव को स्वीकार किया था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
गुजरात दंगा, नरेंद्र मोदी, गुजरात हाईकोर्ट, Gujarat Riots, Narendra Modi, Gujarat High Court, Post Godhra Riots, गोधरा कांड