गुजरात सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया कि उसने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए कोई नए दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। उसने कहा कि वह इस तरह का कदम एकपक्षीय ढंग से नहीं उठा सकती।
मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया करते हुए राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव आरपी गुप्ता ने कहा कि उन्होंने केन्द्र द्वारा 2004 में दोहराए गए दिशा-निर्देशों को महज दोहराया है। खबरों में कहा गया था कि गुजरात सरकार ने बीपीएल परिवारों की पहचान के लिए नए मानक बनाए हैं।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार योजना आयोग के अनुमानों के तहत केन्द्र गुजरात में 21 लाख बीपीएल परिवारों को रियायती दरों पर राशन मुहैया करा रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि यह आंकड़ा पुराने मानकों पर आधारित है और केन्द्र ने दस साल से इसमें सुधार नहीं किया है। गुजरात सरकार 11 लाख अतिरिक्त परिवारों को अपने संसाधनों से राशन दे रही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं