'टूलकिट केस' : दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब एक्टिविस्ट्स निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ अरेस्ट वारंट

Nikita Jacob Arrest Warrant : सोमवार को दिल्ली पुलिस ने एक्टिविस्ट्स निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ पुलिस ने गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया है. इसके पहले बेंगलुरु से क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि गिरफ्तार की जा चुकी हैं.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए टूलकिट केस में शनिवार को पहली गिरफ्तारी हो चुकी है. अब सोमवार को दिल्ली पुलिस ने दो नामों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. एक्टिविस्ट्स निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ पुलिस ने अरेस्ट वारंट जारी किया है. ये गैर-जमानती अरेस्ट वारंट हैं.

बता दें कि टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि पुलिस ने अपनी जांच में कहा है कि आरोपियों का मकसद गणतंत्र दिवस से पहले 'टि्वटर स्टॉर्म' पैदा करना था. इस मामले में निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इसके पहले शनिवार को 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और रविवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. 

जानकारी है कि शांतनु महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला है और दिशा और निकिता का करीबी है. आरोप है कि शांतनु ने भी टूल किट में कुछ चीजें जोड़ी और उन्हें आगे सर्कुलेट किया. उसके घर भी स्पेशल सेल की टीम ने छापेमारी की लेकिन अभी वो फरार है. सेल ने उसके माता-पिता से भी बातचीत की है और शांतनु के बारे में जानकारी जुटाई है.

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यह नए वारंट तब सामने आए हैं, जब दिशा रवि की गिरफ्तारी और पेशी की कानूनी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. दिशा को कल बिना किसी लीगल काउंसल के कोर्ट में पेश किया गया था, जहां पर उन्होंने खुद अपना पक्ष रखा था. जानकारी है कि उनकी लीगल टीम को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें किस कोर्ट में पेश किया जा रहा है, जिसके चलते दिशा के पास उस वक्त कोई लीगल काउंसल नहीं मिला.

पुलिस ने दिशा रवि के खिलाफ एक खालिस्तानी संगठन- पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन -के सहयोग के साथ देश में भारत सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उनके खिलाफ देशद्रोह और साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं. दिशा ने कोर्ट में कहा है कि उन्होंने टूलकिट नहीं बनाया है और किसानों का समर्थन करना चाहती थीं. उन्होंने बताया है कि 3 फरवरी को उन्होंने इस किट में दो लाइनें एडिट की थीं.

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बता दें कि स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने 3 फरवरी को कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए एक टूलकिट ट्वीट किया था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया था.