सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर सहित कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है.
नई दिल्ली:
सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर सहित कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. यह वृद्धि मध्यरात्रि से प्रभावी होगी. गैर आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था. जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान तथा सूटकेस शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर शुल्क उपाय किए हैं. इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है. इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है.'
एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगे. चालू खाते के घाटे पर अंकुश तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं. विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.
The Central Government has taken tariff measures, by way of increase in the basic customs duty, to curb import of certain imported items. These changes aim at narrowing the current account deficit (CAD).In all the customs duty has been increased on these items: pic.twitter.com/JTAOlMTVsC
— ANI (@ANI) September 26, 2018
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर शुल्क उपाय किए हैं. इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है. इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है.'
एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगे. चालू खाते के घाटे पर अंकुश तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं. विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.
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