New Delhi:
पाकिस्तान को सौंपी गई 50 मोस्ट वांटेड की सूची में दो भगोड़ों के भारत में मिलने के बाद भी सरकार ने इस सूची को वापस मंगाने से इनकार किया है, लेकिन कहा है कि उक्त दस्तावेज की समीक्षा की जा रही है। गृहमंत्रालय में आतंरिक सुरक्षा सचिव यूके बंसल ने संवाददाताओं से कहा, पूरी सूची की समीक्षा हो रही है। (लेकिन) हमारी पाकिस्तान से इस सूची को वापस मंगाने की कोई योजना नहीं है। इस गड़बड़ी के लिए सीबीआई की ओर से कुछ अधिकारियों को निलंबित करने और कुछ का तबादला करने की ओर इशारा करते हुए बंसल ने कहा कि जिम्मेदारी तय की गई है और कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, जिम्मेदारी तय की गई है और यह आतंरिक महत्व का विषय है। इस मुद्दे की जांच चल रही है। बंसल ने कहा कि गृहमंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं हो। पाकिस्तान को सौंपी गई भगोड़ों की सूची के दो व्यक्तियों के भारत में मिलने के बाद सरकार की एक बार फिर किरकिरी हुई है। इन घटनाओं को लेकर सीबीआई के एक निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और दो अन्य अधिकारियों -अधीक्षक और उपाधीक्षक का तबादला कर दिया गया है। सीबीआई निदेशक एपी सिंह ने एजेंसी की इंटरपोल शाखा की पूर्ण समीक्षा का आदेश दिया है और अतिवांछितों की सूची की राज्य पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के साथ परामर्श कर पूर्ण समीक्षा की जाएगी। 50 भगोड़ों की सूची में 1993 के मुंबई विस्फोट मामले के आरोपी फिरोज अब्दुल खान उर्फ हमजा (51) का नाम है, जिसे पिछले साल फरवरी में नवी मुम्बई के समीप के एक गांव से गिरफ्तार किया गया था और आगे की पूछताछ के लिए उसे सीबीआई के हवाले किया गया था। सीबीआई ने 1994 में खान के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी किया था, लेकिन उसने उसे अपनी हिरासत में लेने के बाद भी नोटिस वापस नहीं लिया। गृहमंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, सीबीआई ने गृहमंत्रालय को सूचित किया है कि उसकी ओर से यह चूक हुई है। जब सीबीआई ने मंत्रालय को यह सूची अग्रसारित की तब वह इस व्यक्ति का नाम हटाना भूल गया।
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