मुंबई:
सात साल पहले 16 जनवरी 2008 को गोविंदा ने अपने एक कथित फैन को थप्पड़ जड़ दिया था, उस थप्पड़ की गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने चांटे के इस वीडियो क्लिप को देखकर गोविंदा को उनके कथित फ़ैन से माफ़ी मांगने के लिए कहा है।
इसके बाद मीडिया के सामने आकर गोविंदा ने कथित फैन संतोष राय पर ही सवाल खड़े किए कि इतने सालों तक वो किसकी मदद से कोर्ट में केस लड़ते रहे। उन्होंने कहा, ऐसा शख्स उनका फ़ैन नहीं हो सकता।
गोविंदा ने अपने घर पर बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करता हूं। पूरा कोर्ट ऑर्डर आने दीजिए फिर बताऊंगा मुझे क्या करना है। पर अहम सवाल ये है कि इतने सालों से उसे मदद कौन कर रहा था? किसने फ़ंड दिया उसको ये केस लड़ने के लिए इतने सालों तक? मैंने अपनी तरफ़ से कोई केस नहीं किया।
दरसअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फ़ैसले में गोविंदा से कहा था, 'आप बड़े हीरो हैं, बड़ा दिल दिखाइए। एक हीरो जो रील लाइफ़ में करता है, उसे रीयल लाइफ़ में करने की ज़रूरत नहीं। ...हम आपकी फ़िल्मों का आनंद लेते हैं। लेकिन आप किसी को चांटा मारें, ये स्वीकार नहीं कर सकते। आप संतोष राय से माफ़ी मांग कर मामले का अदालत के बाहर निबटारा कर सकते हैं।'
16 जनवरी 2008 को मुंबई के फ़िल्मिस्तिान स्टूडियो में गोविंदा 'मनी है तो हनी है' फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे। तब मीडिया की भीड़ में मौजूद संतोष राय नाम के शख्स को गोविंदा ने ये कहते हुए थप्पड़ मारा था कि वो बड़ी देर से महिला कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे।
मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाद मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा। सबूतों के आभाव में केस खारिज हुआ पर संतोष सुप्रीम कोर्ट तक गए और अब माफ़ी मांगने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से संतोष संतुष्ट नहीं हैं, उन्होंने कहा है कि सबके सामने उनकी बेइज्जती हुई है जिसके लिए एक माफ़ी काफ़ी नहीं इसलिए उन्हें मुआवज़ा भी चाहिए।
इसके बाद मीडिया के सामने आकर गोविंदा ने कथित फैन संतोष राय पर ही सवाल खड़े किए कि इतने सालों तक वो किसकी मदद से कोर्ट में केस लड़ते रहे। उन्होंने कहा, ऐसा शख्स उनका फ़ैन नहीं हो सकता।
गोविंदा ने अपने घर पर बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करता हूं। पूरा कोर्ट ऑर्डर आने दीजिए फिर बताऊंगा मुझे क्या करना है। पर अहम सवाल ये है कि इतने सालों से उसे मदद कौन कर रहा था? किसने फ़ंड दिया उसको ये केस लड़ने के लिए इतने सालों तक? मैंने अपनी तरफ़ से कोई केस नहीं किया।
दरसअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फ़ैसले में गोविंदा से कहा था, 'आप बड़े हीरो हैं, बड़ा दिल दिखाइए। एक हीरो जो रील लाइफ़ में करता है, उसे रीयल लाइफ़ में करने की ज़रूरत नहीं। ...हम आपकी फ़िल्मों का आनंद लेते हैं। लेकिन आप किसी को चांटा मारें, ये स्वीकार नहीं कर सकते। आप संतोष राय से माफ़ी मांग कर मामले का अदालत के बाहर निबटारा कर सकते हैं।'
16 जनवरी 2008 को मुंबई के फ़िल्मिस्तिान स्टूडियो में गोविंदा 'मनी है तो हनी है' फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे। तब मीडिया की भीड़ में मौजूद संतोष राय नाम के शख्स को गोविंदा ने ये कहते हुए थप्पड़ मारा था कि वो बड़ी देर से महिला कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे।
मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाद मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा। सबूतों के आभाव में केस खारिज हुआ पर संतोष सुप्रीम कोर्ट तक गए और अब माफ़ी मांगने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से संतोष संतुष्ट नहीं हैं, उन्होंने कहा है कि सबके सामने उनकी बेइज्जती हुई है जिसके लिए एक माफ़ी काफ़ी नहीं इसलिए उन्हें मुआवज़ा भी चाहिए।
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