
बीजेपी नेता एस. वीई. शेखर वेंकटरमण (फाइल फोटो)
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तमिलनाडू के बीजेपी नेता का विवादित बयान.
राज्यपाल ने महिला पत्रकार का गाल छूआ था.
नेता ने राज्यपाल को फिनाइल से हाथ धोने की दी नसीहत.
हालांकि बाद में एस. वीई. शेखर वेंकटरमण ने इस पोस्ट को अपने फेसबुक पेज से डिलीट कर दिया, लेकिन उन्होंने सभी महिला पत्रकारों को अपमान करने वाली अपनी पोस्ट के लिए माफी नहीं मांगी.
तमिलनाडु के राज्यपाल ने गाल थपथपाने के लिए पत्रकार से मांगी माफी
चेन्नई के पत्रकार एस. वीई. शेखर वेंकटरमण तथा BJP के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा के खिलाफ पार्टी के राज्य मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. एच. राजा पर भी पत्रकारों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप है.
अब डिलीट की जा चुकी पोस्ट में कहा गया था कि महिला पत्रकार का उद्देश्य 'राज्यपाल तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना था...'
इतना ही नहीं, एस. वीई. शेखर वेंकटरमण की पोस्ट में यहां तक कहा गया था, "हालिया शिकायतों से ज़ाहिर है, वे (पत्रकार) रिपोर्टर और एंकर तब तक नहीं बन सकती हैं, जब तक वे बड़े लोगों के साथ सो न लें... अनपढ़ बेवकूफ भद्दे लोग... तमिलनाडु मीडिया में मोटे तौर पर यही हैं... यह महिला भी अपवाद नहीं है..."
इस पोस्ट में सेक्स-फॉर-डिग्री घोटाले को लेकर सवाल खड़े करने के लिए भी मीडिया को निशाने पर लिया गया था, जिसमें एक कॉलेज प्रोफेसर पर आरोप लगा था कि वह छात्राओं पर बेहतर नंबरों तथा पैसे के लिए अधिकारियों के साथ संबंध बनाने का दबाव डाल रही थी. उसी प्रोफेसर ने राज्यपाल से ताल्लुक होने का दावा किया था, जिन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ोर देकर इसका खंडन किया था. जब लक्ष्मी सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्यपाल से इस बारे में सवाल पूछा, तो उन्होंने जवाब देने की जगह लक्ष्मी का गाल थपथपा दिया था.
एस. वीई. शेखर वेंकटरमण द्वारा शेयर की गई पोस्ट में कहा गया था, "यूनिवर्सिटियों से ज़्यादा यौन शोषण तो मीडिया में होता है... और यही लोग अब गवर्नर से सवाल कर रहे हैं..."
राज्यपाल ने महिला पत्रकार की गाल थपथपाकर विवाद को दिया जन्म, DMK ने कहा- अशोभनीय
78-वर्षीय गवर्नर ने भी महिला पत्रकार से माफी मांगते वक्त अजीबोगरीब तर्क दिया था. उन्होंने कहा था, "मुझे (आपका) सवाल अच्छा लगा... इसलिए, तारीफ करने के उद्देश्य से मैंने उस तरह आपका गाल थपथपाया था, और आपको अपनी पोती सरीखा समझा था..." 'दादाजी की तरह गाल थपथपाने' वाले दावे को नाकबूल करते हुए लक्ष्मी ने कहा कि उन्हें माफी मंज़ूर है, भले ही वह उनके तर्क से सहमत नहीं हैं.
इससे पहले, लक्ष्मी सुब्रह्मण्यम ने गुस्से में ट्वीट किया था, "कई बार अपना चेहरा धोया है... अब भी उस एहसास से छुटकारा नहीं मिला है... श्रीमान गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित, मैं इतना ज़्यादा आंदोलित और गुस्से में हूं..."
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