संसद भवन का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ज़मीन अधिग्रहण अध्यादेश की मियाद को नहीं बढ़ाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि 2013 का यूपीए का भूमि अधिग्रहण क़ानून फिर से लागू हो जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में जल्द ही कैबिनेट मीटिंग में फ़ैसला लिया जाएगा। इससे पहले सरकार कई बार इस बिल को जारी कर चुकी है। दरअसल, अध्यादेश के ज़रिए बनाया गया क़ानून छह महीने के लिए ही मान्य होता है।
अध्यादेश को 6 महीने के अंदर ही संसद से पास कराना होता है, लेकिन बिल पर सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण राज्यसभा में इसे पास नहीं किया जा सका है। इससे पहले भी सरकार सारे संसोधनों को वापस लेने को तैयार हो गई थी। बिल पर बनी संयुक्त समिति ने भी इस बिल को अगले सत्र के लिए टाल दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में जल्द ही कैबिनेट मीटिंग में फ़ैसला लिया जाएगा। इससे पहले सरकार कई बार इस बिल को जारी कर चुकी है। दरअसल, अध्यादेश के ज़रिए बनाया गया क़ानून छह महीने के लिए ही मान्य होता है।
अध्यादेश को 6 महीने के अंदर ही संसद से पास कराना होता है, लेकिन बिल पर सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण राज्यसभा में इसे पास नहीं किया जा सका है। इससे पहले भी सरकार सारे संसोधनों को वापस लेने को तैयार हो गई थी। बिल पर बनी संयुक्त समिति ने भी इस बिल को अगले सत्र के लिए टाल दिया था।
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