विज्ञापन
This Article is From May 16, 2021

एयर इंडिया को हासिल करने की केयर्न की कथित कोशिश पर सरकार मजबूती से बचाव करेगी : सूत्र

केयर्न ने कथित तौर पर एयर इंडिया को न्यूयॉर्क की कोर्ट में घसीटा है, ताकि उसके पक्ष में आए 1.2 अरब डॉलर के पंचाट के फैसले को लागू कराया जा सके. केयर्न ने सरकार के खिलाफ कर विवाद में कामयाबी पाई थी

एयर इंडिया को हासिल करने की केयर्न की कथित कोशिश पर सरकार मजबूती से बचाव करेगी : सूत्र
केयर्न (Cairn) का कहना है कि Air India सरकारी कंपनी के तौर पर वैधानिक तौर पर सरकार से एकदम अलग है.
नई दिल्ली:

भारत सरकार के सूत्रों ने कहा है कि सरकार केयर्न एनर्जी (Cairn Energy ) द्वारा एयर इंडिया (Air India) समेत उसकी अन्य संपत्तियां हासिल करने के प्रयास के खिलाफ अपना बचाव करने को तैयार है. सूत्रों ने रविवार को ये संकेत उस वक्त दिए, जब ऐसी खबरें आई हैं कि ब्रिटिश कंपनी 1.2 अरब डॉलर के पंचाट अवार्ड को लागू कराने के लिए केयर्न एनर्जी ने भारत की राष्ट्रीय एयरलाइंस एयर इंडिया को कोर्ट में घसीटा है.केयर्न ने कथित तौर पर एयर इंडिया को न्यूयॉर्क की कोर्ट में घसीटा है, ताकि उसके पक्ष में आए 1.2 अरब डॉलर के पंचाट के फैसले को लागू कराया जा सके. केयर्न ने सरकार के खिलाफ कर विवाद में कामयाबी पाई थी

सरकार को ऐसे दावों को लेकर अभी तक कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला है, लिहाजा फिलहाल अभी ऐसी खबरें अटकलबाजी मात्र हैं. सूत्रों ने कहा, सरकार अपने कानूनी अधिकार को लेकर पूरी तरह वाकिफ है और अगर ऐसे मामलों में कार्यवाही आगे बढ़ती है तो वह कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखेगी. सूत्रों ने यह भी बताया, वह हेग में इस फैसले के खिलाफ अपील में जीत को लेकर भी आशान्वित है. केयर्न ने विवादित भुगतान के संदर्भ में दुनिया भर में कहीं भी एक रुपये टैक्स का भुगतान नहीं किया है. केयर्न आयकर ट्रिब्यूनल के समक्ष भी अपील में हार चुकी है. 

ऐसी खबरें हैं कि केयर्न ने यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है. इसके तहत केयर्न को पंचाट के फैसले के तहत दिए गए मुआवजे के लिए एयर इंडिया को जवाबदेह बनाने की याचिका दाखिल की गई है. इसमें तर्क दिया गया है कि सरकारी कंपनी के तौर पर एयर इंडिया का वैधानिक तौर पर देश से स्पष्ट संबंध नहीं है. यह कदम भारत सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है, ताकि वह दिसंबर में पंचाट अवार्ड के फैसले के तहत उसे मिले 1.2 अरब डॉलर का ब्याज समेत भुगतान करे. पंचाट के फैसले में कहा गया था कि भारत ने ब्रिटेन से निवेश संधि का उल्लंघन किया है और वह भुगतान करने के लिए बाध्य है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com