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This Article is From Sep 14, 2019

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, सस्ते घरों के लिए सरकार देगी 10000 करोड़ की मदद

यह फंड उन्हीं हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को मिलेगा जो NPA नहीं हैं और न ही NCLT में हैं. इस घोषणा से लगभग 3.5 लाख घर ख़रीदारों को फ़ायदा होगा.

नई दिल्‍ली:

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. साथ ही एक बड़ा ऐलान भी किया है. सरकार अब मध्यम आय‌ वर्ग के लोगों के और सस्ते घरों के लिए सरकार 10000 करोड़ रुपये की मदद करेगी. यह आधे-अधूरे बन चुके घरों के लिए होगा. बाकी 10000 करोड़ रुपये की रकम दूसरे निवेशकों की तरफ से आएंगे. प्रोफेशनल्स के जरिए फंड मैनेज किया जाएगा. यह फंड उन्हीं हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को मिलेगा जो NPA नहीं हैं और न ही NCLT में हैं. इस घोषणा से लगभग 3.5 लाख घर ख़रीदारों को फ़ायदा होगा. वित्त मंत्री ने कहा, 'अगर आप होम बायर हैं तो बिल्डर से पूछ सकते हैं कि आप NPA या फिर NCLT में हो या नहीं. अगर नहीं हो तो आप जाकर इस स्कीम का फायदा उठाओ जिससे आपको घर जल्द मिल सके. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को नरमी से उबारने के लिए एक और पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं के वित्त-पोषण के लिए सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता देगी. उन्होंने कहा कि इस काम में बाहरी निवेशकों से भी करीब इतनी ही राशि उपलब्ध होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि इससे किफायती तथा मध्य आय वर्ग के लिए बनायी जा रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस कोष का प्रबंधन पेशेवर लोग करेंगे. वित्तमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण के लिये कर्ज पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं. इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा.'' उन्होंने कहा कि डेवलपरों को विदेश से पूंजी जुटाने में मदद करने के लिये विदेश से लिये जाने वाले वाणिज्यिक ऋण से संबंधित दिशानिर्देश आसान बनाये जाएंगे.

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्‍यवस्‍था को गति देने के लिए कई घोषणाएं की. उन्‍होंने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नयी योजना आरओडीटीईपी की शनिवार को घोषणा की. निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है. सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है. अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.

सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी. इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है. उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी. इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी. मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन और स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने यह बात ऐसे समय की है जबकि आर्थिक वृद्धि की दर छह साल के निचले स्तर पर आ गयी है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में नरमी के दौर से गुजर रही घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये प्रोत्साहनों की तीसरी किस्त की घोषणा की. उन्होंने कहा कि बैंकों से ऋण प्रवाह को बेहतर बनाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ बैंक ग्राहकों को देने लगे हैं. वह इसकी समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों के साथ मुलाकात करेंगी. रिजर्व बैंक फरवरी से अब तक नीतिगत दर रेपो में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.

(इनपुट एजेंसियों से...)

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