यह ख़बर 29 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सेना प्रमुख उम्र विवाद में सरकार ने अपनाया कड़ा रुख

खास बातें

  • सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले रक्षा मंत्रालय ने सेना की संबद्ध शाखा से कहा है कि वह सिंह का जन्म वर्ष 1950 दर्शाए।
नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले रक्षा मंत्रालय ने सेना की संबद्ध शाखा (एड्ज्यूटेंट जनरल्स) से कहा है कि वह सिंह का जन्म वर्ष 1950 दर्शाए। एजी की शाखा को इस आश्य का पत्र पिछले हफ्ते भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि जनरल सिंह की जन्मतिथि 10 मई, 1950 दर्शाई जाए।

सेना का रिकॉर्ड रखने वाली शाखा ने सिंह की जन्मतिथि 10 मई, 1951 दर्शाई है, जबकि सैन्य सचिव की शाखा के रिकॉर्ड में यह 10 मई, 1950 दर्ज है। यह कदम दोनों तिथियों को समान दर्शाने तथा सिंह के प्रति सरकार के कड़े रुख को दर्शाता है, जो मामले को शीर्ष न्यायालय में ले गए हैं। मामले की सुनवाई 3 फरवरी को होनी है।

सेनाध्यक्ष के दावे को ठुकराते हुए रक्षा मंत्रालय ने 21 जुलाई के अपने पहले आदेश में एजी की शाखा से कहा था कि वह जनरल सिंह का जन्मवर्ष 1950 दर्ज करे। रक्षा मंत्रालय ने 21 जुलाई के अपने फैसले में एड्ज्यूटेंट जनरल (मानवश्रम एवं नियोजन) के 25 फरवरी के उस आदेश को ‘निष्प्रभावी एवं अवैध’ घोषित किया, जिसमें 10 मई, 1950 के बजाय संशोधन कर सिंह की जन्मतिथि को 10 मई, 1951 करने का निर्देश दिया गया था।

मंत्रालय द्वारा आदेश जारी होने के तुरंत बाद सेनाध्यक्ष ने यह कहते हुए रक्षामंत्री एके एंटनी से वैधानिक शिकायत की कि उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 मानी जाए। सेना मुख्यालय ने बाद में खुले तौर पर इस फैसले पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में उल्लिखित तिथि की अनदेखी नहीं की जा सकती।

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उसने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने एमएस शाखा द्वारा उसे दी गई जानकारी के आधार पर मुद्दे पर यह फैसला किया, जबकि इस शाखा के क्षेत्राधिकार में ऐसे मुद्दे नहीं आते। रक्षा मंत्रालय से 30 दिसम्बर को शिकायत खारिज होने के बाद जनरल सिंह ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 1950 को यदि उनके जन्म का वर्ष माना जाता है, तो जनरल सिंह को इस साल 31 मई को पद छोड़ना होगा, जबकि 10 मई, 1951 माने जाने पर वह 10 माह और पद पर रह सकेंगे।