यह ख़बर 02 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कैबिनेट में दागी नेताओं पर अध्यादेश, विधेयक वापस लेने का फैसला

खास बातें

  • दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश के मुद्दे पर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद अध्यादेश और बिल को वापस लेने का फैसला कर लिया गया है। कैबिनेट सचिव जल्द ही इस संबंध में प्रक्रिया को आरंभ करेंगे। यह अध्यादेश कैबिनेट से पास कर सरकार ने राष्ट्रपति के पास
नई दिल्ली:

दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश के मुद्दे पर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद अध्यादेश और बिल को वापस लेने का फैसला कर लिया गया है। कैबिनेट सचिव जल्द ही इस संबंध में प्रक्रिया को आरंभ करेंगे। यह अध्यादेश कैबिनेट से पास कर सरकार ने राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था। राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए और कहा कि सरकार से बात कर वह इस पर विचार करेंगे। उन्होंने इस बिल की जरूरत पर भी सवाल उठाए थे।

इस मसले पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मीडिया से कहा कि सरकार दागी नेताओं पर अध्यादेश और विधेयक दोनों को वापस लेगी। बता दें कि अध्यादेश कैबिनेट से पास कर राष्ट्रपति के पास भेजा था, वहीं विधेयक को संसद में पेश किया जा चुका है और यह संसद की स्थायी समिति के पास विचारार्थ भेजा गया है।

इससे पहले, दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश के मुद्दे पर आज कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल और गृहमंत्री सुशील शिंदे मौजूद थे।  इस बैठक में अध्यादेश को वापस लेने पर राय बनी थी। इसी फैसले पर शाम की कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश वापसी पर मुहर लग गई है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और समझा जाता है कि उन्होंने दागी सांसदों, विधायकों से संबंधित विवादास्पद अध्यादेश के मुद्दे पर उन्हें जानकारी दी।  दरअसल, तीखे बयान में राहुल गाधी ने इसे बकवास बताया था, जिसके बाद सरकार के पास इस अध्यादेश को वापस लेने के अलावा कोई चारा नहीं है।

इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में राहुल ने अध्यादेश विवाद पर पीएम से अफसोस जताया है। उनका मकसद अपमान करना नहीं था। साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह अध्यादेश के खिलाफ हैं। लोगों में इस अध्यादेश के खिलाफ गुस्सा है। उनकी मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली।

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सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इस बातचीत से संतुष्ट हैं और उन्होंने राहुल की बात मान ली है। खबर है कि शाम को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को वापस लिया जाएगा।