
भूमि अधिग्रहण बिल पर हुए विवाद के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ झुकने के संकेत दिए हैं। सरकार की ओर से विवादास्पद प्रावधानों में संशोधन करने की बात कही जा रही है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि विवादास्पद प्रावधानों की भाषा बदली जाएगी। साथ ही पीपीपी मॉडल में कहा जाएगा कि जमीन पर मालिकाना हक़ सरकार का होगा।
इसके अलावा कहा गया है कि इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सड़क से एक-दो किमी तक की ज़मीन का ही अधिग्रहण होगा। सामाजिक ढाँचे में सिर्फ सरकारी स्कूल, अस्पताल ही बनेंगे निजी नहीं।
केंद्र ने यह भी कहा है कि सहमति और सामाजिक प्रभाव अध्ययन (SIA) के प्रावधानों को अधिक स्पष्ट किया जाएगा।
संशोधनों के लिए सरकार की आरएसएस, सहयोगी दलों, किसान संगठनों और विपक्षी दलों से बातचीत जारी रखेगी।
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