
प्रतीकात्मक तस्वीर
नयी दिल्ली:
विदेशियों को आकर्षित करने के लिए भारत संभवत: जल्द दीर्घावधि का बहु प्रवेश वृहद वीजा पेश कर सकता है। इसके तहत पर्यटक, व्यापार, चिकित्सा तथा सम्मेलन वीजा को मिलाकर एक वीजा बनाया जाएगा जिससे अधिक लोगों को आकर्षित किया जा सके और व्यापार को प्रोत्साहन दिया जा सके।
सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सुझाव के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने पहली बार पर्यटकों, कारोबारियों तथा इलाज के लिए यहां आने वाले अथवा किसी सम्मेलन या फिल्म शूटिंग के लिए यहां आने वाले लोगों को इस प्रस्तावित नई श्रेणी के तहत लाया जा सकता है।
इस चर्चा से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दीर्घावधि का बहु प्रवेश वीजा संभवत: 10 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा, लेकिन इस श्रेणी के तहत आने वाले लोग यहां स्थायी रूप से काम नहीं कर सकेंगे और स्थायी रूप से रह नहीं सकेंगे।
प्रस्ताव के अनुसार, यदि किसी विदेशी को दीर्घावधि का बहु प्रवेश गैर कार्य तथा गैर स्थायी रूप से रकने का वीजा मिलता है और उसे यहां सिर्फ 60 दिन तक ही रुकना है तो सरकार वीजा शुल्क में छूट भी देगी। अधिकारी ने कहा कि इसके लिए यात्रियों को बायोमीट्रिक ब्योरा देना होगा और कुछ सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि इसे जल्द क्रियान्वित किया जाएगा।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सुझाव के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने पहली बार पर्यटकों, कारोबारियों तथा इलाज के लिए यहां आने वाले अथवा किसी सम्मेलन या फिल्म शूटिंग के लिए यहां आने वाले लोगों को इस प्रस्तावित नई श्रेणी के तहत लाया जा सकता है।
इस चर्चा से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दीर्घावधि का बहु प्रवेश वीजा संभवत: 10 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा, लेकिन इस श्रेणी के तहत आने वाले लोग यहां स्थायी रूप से काम नहीं कर सकेंगे और स्थायी रूप से रह नहीं सकेंगे।
प्रस्ताव के अनुसार, यदि किसी विदेशी को दीर्घावधि का बहु प्रवेश गैर कार्य तथा गैर स्थायी रूप से रकने का वीजा मिलता है और उसे यहां सिर्फ 60 दिन तक ही रुकना है तो सरकार वीजा शुल्क में छूट भी देगी। अधिकारी ने कहा कि इसके लिए यात्रियों को बायोमीट्रिक ब्योरा देना होगा और कुछ सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि इसे जल्द क्रियान्वित किया जाएगा।
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