अरसे से घर बनाने के लिए ज़मीन के अधिकार की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचे हज़ारों सत्याग्रहियों को भारत सरकार ने ये आश्वासन दिया है कि वो आवासीय भूमि अधिकार बिल लाने के लिए तैयार है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सत्याग्रहियों से पहले दौर की मुलाकात के दौरान ये आश्वासन दिया।
सत्याग्रहियों के प्रतिनिधि रमेश ने एनडीटीवी से कहा, 'राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार एक राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार बिल संसद में पेश करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने ये भी कहा कि 2022 तक सभी को आवास की सुविधा अगर मुहैया कराना है तो ये आवासीय भूमि अधिकार बिल के ज़रिए ही होगा।'
दरअसल 2012 में आगरा में यूपीए सरकार ने पहली बार ये विधेयक लाने का भरोसा सत्याग्रहियों को दिया था लेकिन इसे अभी तक संसद में पेश नहीं किया गया है। गृह मंत्री की तरफ से ये आश्वासन ऐसे वक्त पर आया है जब हरियाणा के पलवल से हज़ारों भूमिहीन सत्याग्रही पैदल मार्च कर दिल्ली पहुंच चुके हैं और 25 मार्च तक जंतर-मतंर पर धरने पर बैठने वाले हैं। इन सत्याग्रहियों को अण्णा हज़ारे का पूरा समर्थन मिल रहा है।
दरअसल ये भूमि सत्याग्रह मार्च सरकार पर दबाव बनाने की एक नई रणनीति है जो फिलहाल कारगर होती दिख रही है। आज देश में अभी 6 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास घर बनाने के लिए एक इंच ज़मीन भी नहीं है।
सत्याग्रहियों के नेता पी.वी. राजगोपाल ने एनडीटीवी से बातचीत में गृह मंत्री के आश्वासन का स्वागत किया लेकिन साथ ही ये भी साफ किया कि सरकार को आश्वासन देने के बाद उस पर अमल भी करना होगा।
पदयात्रियों ने सरकार को मॉनसून सत्र तक एक राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार बिल संसद में पेश करने की गुज़ारिश की है। अब देखना अहम होगा कि सरकार देश के करोड़ों भूमिहीन परिवारों को घर के लिए ज़मीन का हक़ दिलाने को लेकर कितनी जल्दी पहल करती है।
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