प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने सोमवार को कैंसर समेत कई अन्य बीमारियों की कुल 869 दवाओं को महंगा कर दिया है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण( एनपीपीए) ने एक अधिसूचना जारी करके इस बात की जानकारी दी. अधिसूचना में कहा गया है कि वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर किए गए संशोधन के तहत ही इन दवाओं की कीमत में 3.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. जिन बीमारियों की दवाएं महंगी की गई हैं उनमें खासतौर पर कैंसर और कार्डियोवैस्कुलर जैसी बीमारी शामिल हैं. वहीं दो प्रकार के कॉरोनरी स्टेंट और एंटीबायोटिक की भी कीमत में बढ़ोतरी की गई है.
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एनपीपीए के अनुसार जिन बीमारियों की दवाओं की कीमत में इजाफा किया गया है कि उनमें विषाणु संक्रमण में इस्तेमाल होने वाली दवाएं एमॉक्सिसिलीन( ए) और क्लावुलानिक एसिड( बी), कैंसर के इलाज में प्रयुक्त होने वाली डोसेटैक्सल और कोलेस्ट्राल स्तर कम करने समेत कॉर्डियोवैस्कुलर बीमारियों की रोकथाम में प्रयुक्त एटोर्वास्टैटिन शामिल हैं. गौरतलब है कि सरकार ने दो साल पहले भी दवाओं के दाम में बदलाव किया था.
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उस समय के केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि दवा मूल्य नियंत्रण आदेश को अगले 15 दिन में संशोधित कर दिया जाएगा, ताकि दवा क्षेत्र का नियामक राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को उन 350 दवाओं के दाम तय करने का अधिकार मिल जाए, जिनके बाजार आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.एनपीपीए के स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कुमार ने कहा था कि दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत करीब 900 दवाओं का मूल्य निर्धारण किया गया है और इससे ग्राहकों को 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा 368 नई दवा संयोजनों के दाम भी तय किए गए हैं.(इनपुट भाषा से)
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एनपीपीए के अनुसार जिन बीमारियों की दवाओं की कीमत में इजाफा किया गया है कि उनमें विषाणु संक्रमण में इस्तेमाल होने वाली दवाएं एमॉक्सिसिलीन( ए) और क्लावुलानिक एसिड( बी), कैंसर के इलाज में प्रयुक्त होने वाली डोसेटैक्सल और कोलेस्ट्राल स्तर कम करने समेत कॉर्डियोवैस्कुलर बीमारियों की रोकथाम में प्रयुक्त एटोर्वास्टैटिन शामिल हैं. गौरतलब है कि सरकार ने दो साल पहले भी दवाओं के दाम में बदलाव किया था.
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उस समय के केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि दवा मूल्य नियंत्रण आदेश को अगले 15 दिन में संशोधित कर दिया जाएगा, ताकि दवा क्षेत्र का नियामक राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को उन 350 दवाओं के दाम तय करने का अधिकार मिल जाए, जिनके बाजार आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.एनपीपीए के स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कुमार ने कहा था कि दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत करीब 900 दवाओं का मूल्य निर्धारण किया गया है और इससे ग्राहकों को 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा 368 नई दवा संयोजनों के दाम भी तय किए गए हैं.(इनपुट भाषा से)
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