कोरोना वायरस सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनकर आया है. इसका असर हर वर्ग पर देखने को मिल रहा है, ट्रांसजेंडर वर्ग भी कोविड से राहत को लेंकर भत्ते की मांग कर रहा था. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने ट्विटर के माध्यम से बताया कि मंत्रालय ने प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को, जिसने मंत्रालय से सहायता मांगी है, 1500 रु.का निर्वाह भत्ता दिया है. देशभर में लगभग 4922 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लगभग 73 लाख रुपये की राशि प्रत्यक्ष लाभार्थी अंतरण डीबीटी के माध्यम से जारी की गई है.
कोविड-19 के दौरान, मंत्रालय ने प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को, जिसने मंत्रालय से सहायता मांगी है, 1500 रु.का निर्वाह भत्ता दिया है। देशभर में लगभग 4922 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लगभग 73 लाख रुपये की राशि प्रत्यक्ष लाभार्थी अंतरण डीबीटी के माध्यम से जारी की गई है। #1YearofModi2
— Thawarchand Gehlot (@TCGEHLOT) May 30, 2020
उन्होंने अगले ट्वीट में बताया कि NBCFDC ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सोशल आइसोलेशन या अन्य कारणों से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा महसूस किए जा रहे मानसिक तनाव और चिंता संबंधी मुद्दों के बारे में हर रोज मनोवैज्ञानिक परामर्श देने के एक हेल्पलाइन भी शुरू की है, उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत 14 अप्रैल से की गई है.
NBCFDC ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सोशल आइसोलेशन/अन्य कारणों की वजह से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा महसूस किए जा रहे मानसिक तनाव तथा चिंता संबंधी मुद्दों के बारे में प्रतिदिन मनोवैज्ञानिक परामर्श देने के लिए दिनांक 14.4.2020 से एक ‘कोविड हेल्पलाइन' भी शुरू की है। #1YearofModi2 https://t.co/PyaemrORkJ
— Thawarchand Gehlot (@TCGEHLOT) May 30, 2020
बता दें कि ट्रांसजेंडर समुदाय के 2,000 से अधिक लोगों ने गृह, वित्त और सामाजिक न्याय के केंद्रीय मंत्रालयों को पत्र लिखकर, अपने समुदाय के लिए विशेष पैकेज की मांग की थी. उन्होंने कहा था लॉकडाउन के दौरान “आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है और वह दिहाड़ी मजदूरों जितना ही कमजोर है.” इन लोगों ने सरकार से स्थिति सामान्य होने तक प्रत्येक ट्रांसजेंडर (किन्नर) व्यक्ति को हर महीने कम से कम 3,000 रुपये की मदद देने का अपील की थी.
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