यह ख़बर 25 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सरकार गुमराह युवकों को माफ करने को तैयार : सुशील कुमार शिंदे

सुशील कुमार शिंदे का फाइल फोटो

रांची:

केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि गुमराह युवकों को माफ करके देश की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए सरकार तैयार है क्योंकि हिंसा या प्रतिहिंसा से किसी समस्या का कोई समाधान नहीं होता।

रांची विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षान्त समारोह में सोमवार को छात्रों को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं होती है। समस्याओं का समाधान हमेशा बातचीत से और मिलजुलकर ही होता है।

उन्होंने नक्सलवादियों की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘हमारे कुछ युवकों ने भ्रामक विचारधाराओं के प्रभाव में हिंसा का रास्ता अख्तियार कर लिया लेकिन वह हमारे अपने ही हैं। कुछ लोगों के बहकावे में उन्होंने हिंसा का रास्ता अपना लिया है, लेकिन यदि वह हिंसा का मार्ग छोड़कर वापस शांति के रास्ते पर आना चाहते हैं तो उन्हें दिल खोलकर अपनाने को हम तैयार हैं।’

झारखंड में 24 जिलों में से 20 नक्सल प्रभावित हैं और उन्हें केन्द्र सरकार से विशेष सहायता मिलती है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा है कि किसी व्यक्ति से घृणा नहीं की जानी चाहिए। घृणा सिर्फ उसकी बुराइयों से की जानी चाहिए।

शिंदे ने कहा, ‘शांति के मार्ग से भटके युवकों को वापस देश की मुख्य धारा में लाने के लिए केन्द्र सरकार लगातार प्रयासरत है और लगातार इसके लिए नयी नीतियों का निर्माण किया जा रहा है।’

देश में विकास की बात करते हुए शिंदे ने कहा कि वह विकास का आशय सिर्फ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ोतरी से नहीं लेते, क्योंकि विकास का वास्तविक अर्थ समग्र विकास होता है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आधारभूत संरचना के क्षेत्रों में तमाम कार्य किए गए हैं।

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शिंदे ने कहा, ‘मैं देश के युवाओं का आह्वान करता हूं कि वह आगे आएं और समाज की जाति, संप्रदाय और वर्ग की कुरीतियों को तोड़ डालें।’