सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर जिले में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के गृह मंत्रालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को हलफनामा देकर जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ता की ओर से इंदिरा जयसिंह ने कहा कि राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को बुलाकर कोर्ट पूछे कि एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? ज़िम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ अनुशासन और आपराधिक मामलों में क्या कार्रवाई की जाए? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तीन दिन बाद ही कार्रवाई हुई.
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इंदिरा जय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन दिन बाद राजस्थान में लिंचिंग कई घटना हुई. जयसिंह ने कहा कहा कि अगली सुनवाई में राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव को कोर्ट में तलब किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 17 जुलाई को हमनें लिंचिंग को लेकर आदेश दिया था. 24 जुलाई को राजस्थान में लिंचिंग की घटना हुई. वहीं राजस्थान सरकार ने कहा कि इस मामले में करवाई हुई है और प्रधान सचिव हलफ़नामा दायर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को कहा कि वो ये बताये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को लेकर क्या कदम उठाए है्. 30 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.
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आपको बता दें कि गोरक्षा के नाम पर व मॉब लिंचिंग रोकने के लिए दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. 17 जुलाई को पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने संसद से आग्रह किया है कि वह इसके लिए अलग से कानून बनाने पर विचार करे. सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ के पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की निंदा करते हुए इसे कड़ाई से रोकने की ज़रूरत पर बल दिया साथ ही कई दिशा निर्देश जारी किए थे.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से दिशा निर्देशों पर रिपोर्ट मांगी थी. इसके साथ ही राजस्थान के अलवर जिले में गौरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या के मामले में कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की. याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पूनावाला ने राज्य सरकार ने खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है. दरअसल, अलवर में गौ तस्करी के शक पर भीड़ ने पीट-पीट कर रकबर नाम के व्यक्ति की जान ले ली थी. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया.
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