भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे पार्टी के अंदर संघर्ष कर रहे थे और वह पार्टी भी छोड़ना चाहते थे। यह दावा शुक्रवार को भाजपा के विधान पार्षद पांडुरंग फुंडकर ने विधान परिषद में की।
फुंडकर ने कहा, मुंडे हर कदम पर संघर्ष कर रहे थे। एक बार वह भाजपा छोड़ने वाले थे। मैंने इसका विरोध किया। उन्हें कई बार अपमानित होना पड़ा, लेकिन अपनी जिंदगी पार्टी को समर्पित कर दी थी।
महाराष्ट्र संसदीय मामलों के मंत्री हर्षवर्धन पाटिल द्वारा मुंडे के योगदान पर सदन में चर्चा के दौरान फुंडकर ने कहा, कांग्रेस ने उन्हें केंद्र और राज्य में मंत्री पद की पेशकश की थी।
फुंडकर ने 1974 से मुंडे से जुड़े होने की बात को याद कर भावुक होते हुए कहा, उनकी मौत को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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