गोपाल कृष्ण गांधी के भांजे श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने उनकी उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया है...
नई दिल्ली:
गोपाल कृष्ण गांधी के भांजे श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने उनकी उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया है. उन्होंने रविवार (30 जुलाई) को विरोधस्वरूप एक पत्र भी लिखा. श्रीकृष्ण ने पत्र में कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने का भी आरोप लगाया. पत्र में लिखा गया है कि नेहरू-गांधी परिवार ने परिवाद को बढ़ावा दिया. हालांकि पत्र में देश के एक आम व्यक्ति के विचारों को प्रकट करने के बात श्रीकृष्ण ने कही. उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरे विचारों से आपकी उपराष्ट्रपति के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
बहुत ही सधे अंदाज में रखी बात
श्रीकृष्ण ने अपने विचार बहुत ही साफगोई से और अपने मामा को सम्मान देते हुए रखे. उन्होंने शुरू में उनकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए बधाई दे. बाद में एक आदमी के रूप में अपने विचार रखने की अनुमति मांगी.
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कांगेस पर लगाया वंशवाद का आरोप
गोपालकृष्ण की उम्मीदवारी पर कृष ने लिखा कि महात्मा गांधी के कट्टर आलोचक भी इससे इनकार नहीं करेंगे कि गांधीजी ने जन्म के कारण मिलने वाले अधिकारों का विरोध किया था. कांग्रेस पार्टी पर नेहरू-गांधी परिवार के एकछत्र राज पर वार करते हुए कृष ने कहा, 'नेहरू-गांधी परिवार ने राजवंश को फिर से स्थापित कर दिया. उदाहरण स्वरूप लिखा कि कांग्रेस की अध्यक्ष इस पोजिशन पर पिछले 18 सालों से हैं उनकी जगह लेने के लिए उनका बेटा (राहुल गांधी) तैयार है. इतने सब के बावजूद आप उनके उम्मीदवार बनने को तैयार हैं?
पत्र में आगे लिखा गया है, 'फिर भी आपने उनका उम्मीदवार बनने के बारे में सोचा ? वंशवाद की राजनीति करने वाली पार्टी से आपने नाम आगे किया यह देखकर मुझे काफी निराशा हुई. कृष ने अपने पत्र में आगे लिखा,'अतीत में इतने सारे घोटाले और आपकी एक भी टिप्पणी नहीं. क्या आपको लगता है कि यह सब कुछ एक राजनीतिक साजिश है?'
पढ़ें : उपराष्ट्रपति चुनाव : आंकड़ों में कितनी मजबूत है वेंकैया नायडू की दावेदारी
पत्र में श्रीकृष्ण ने लिखा 'मुझे माफ करें गोपू मामा, लेकिन आपके इस निर्णय से मेरे अंदर विश्वास नहीं जागता, बल्कि यह विश्वासघात है. फिर भी मेरे अंदर आपके लिए प्यार और स्नेह कम नहीं होगा। उपराष्ट्रपति की दौड़ में मेरी शुभकामनाएं आपके साथ.'
VIDEO : उपराष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया बनाम गोपाल गांधी
इशारों-इशारों में मोदी सरकार की सराहना
उन्होंने कहा कि जनवरी 2015 से अप्रैल 2016 तक पूरा देश घूमने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने देखा कि पूरे देश में देशप्रेम की भावना बढ़ी है. वर्तमान मोदी सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं.
बहुत ही सधे अंदाज में रखी बात
श्रीकृष्ण ने अपने विचार बहुत ही साफगोई से और अपने मामा को सम्मान देते हुए रखे. उन्होंने शुरू में उनकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए बधाई दे. बाद में एक आदमी के रूप में अपने विचार रखने की अनुमति मांगी.
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गोपालकृष्ण की उम्मीदवारी पर कृष ने लिखा कि महात्मा गांधी के कट्टर आलोचक भी इससे इनकार नहीं करेंगे कि गांधीजी ने जन्म के कारण मिलने वाले अधिकारों का विरोध किया था. कांग्रेस पार्टी पर नेहरू-गांधी परिवार के एकछत्र राज पर वार करते हुए कृष ने कहा, 'नेहरू-गांधी परिवार ने राजवंश को फिर से स्थापित कर दिया. उदाहरण स्वरूप लिखा कि कांग्रेस की अध्यक्ष इस पोजिशन पर पिछले 18 सालों से हैं उनकी जगह लेने के लिए उनका बेटा (राहुल गांधी) तैयार है. इतने सब के बावजूद आप उनके उम्मीदवार बनने को तैयार हैं?
पत्र में आगे लिखा गया है, 'फिर भी आपने उनका उम्मीदवार बनने के बारे में सोचा ? वंशवाद की राजनीति करने वाली पार्टी से आपने नाम आगे किया यह देखकर मुझे काफी निराशा हुई. कृष ने अपने पत्र में आगे लिखा,'अतीत में इतने सारे घोटाले और आपकी एक भी टिप्पणी नहीं. क्या आपको लगता है कि यह सब कुछ एक राजनीतिक साजिश है?'
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पत्र में श्रीकृष्ण ने लिखा 'मुझे माफ करें गोपू मामा, लेकिन आपके इस निर्णय से मेरे अंदर विश्वास नहीं जागता, बल्कि यह विश्वासघात है. फिर भी मेरे अंदर आपके लिए प्यार और स्नेह कम नहीं होगा। उपराष्ट्रपति की दौड़ में मेरी शुभकामनाएं आपके साथ.'
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इशारों-इशारों में मोदी सरकार की सराहना
उन्होंने कहा कि जनवरी 2015 से अप्रैल 2016 तक पूरा देश घूमने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने देखा कि पूरे देश में देशप्रेम की भावना बढ़ी है. वर्तमान मोदी सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं.
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