गोवा में आज बीजेपी सरकार की कैबिनेट का विस्तार हो गया है. यह विस्तार कांग्रेस के 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद किया गया है. इसमें कांग्रेस से गए 3 विधायकों को कैबिनेट में जगह दी गई है. आपको बता दें कि गोवा में बीजेपी ने बड़े ही नाटकीय तरीके से कांग्रेस के 17 में से 10 विधायक शामिल कर लिए हैं. 40 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी के अब 17 से 27 विधायक हो गए हैं. बीजेपी के बड़े नेता भले ही इस राजनीतिक सफलता पर इतरा रहे हों लेकिन जमीन पर कार्यकर्ता इससे खुश नजर नहीं आ रहे हैं. कुछ ने इसको पूरी तरह से 'हतोत्साह' बताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े बीजेपी के कार्यकर्ता सुमंत जोगलेकर का कहना है, 'मैं पूरी तरह से हतोत्साहित हो गया हूं. मैं उनको (कांग्रेस विधायकों) को बीजेपी और कैबिनेट में शामिल करने के विचार के फैसले से सहमत नही हूं'. आपको बता दूं कि सुमंत के पिता गोवा में आरएसएस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उनका राज्य में बीजेपी को खड़ा करने में बड़ा योगदान रहा है. सुमंत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हमारे नेताओं को जनता से नहीं मिलना होता. हमें सामना करना पड़ता है. हमें सदस्यता और वोटों के लिए बात करनी पड़ती है. मैं अपने सिद्धांतों समझौता के लिए राजी नहीं हूं. मैं इस फैसले के खिलाफ हूं.
गोवा : बीजेपी में कांग्रेस के 10 विधायक शामिल होने के बाद आज कैबिनेट का होगा विस्तार
वहीं वरिष्ठ पत्रकार अरविंद तेंगसे का कहना है कि उन्होंने भी राष्ट्रीय चुनाव में बीजेपी को ही वोट दिया है. वह इस बात से दुखी हैं कि अचानक से कांग्रेस के विधायक बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. उनकी आपत्ति बाबुश मोनसेरेटे के शामिल होने पर जिसका विरोध बीजेपी ने दो महीने उप चुनाव में किया था. उनके ऊपर रेप के आरोप हैं. उन्होंने आगे कहा, 'महिलाओं ने बीजेपी का समर्थन किया था अब वह भी नाराज हैं. सभी को बाबुश के बारे में पता है. रेप के मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. फिर भी उनको बीजेपी में शामिल किया और कैबिनेट में जगह दे दी गई.'
(सुमंत जोगलेकर)
वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता भी नाराज हैं. उनका कहना है कि जिन प्रत्याशियों के लिए उन्होंने काम किया वह अचानक दूसरी ओर चले गए. इसी तरह 52 साल के एक कार्यकर्ता फ्लोरिना कोलाको का कहना है कि ये दलबदलू अगली बार चुनाव नहीं जीत पाएंगे. उन्होंने दुख पहुंचाया है. सभी पार्टियों के वोटर और कार्यकर्ता इस बात से हैरान हैं कि कुछ महीनों पहले ही जिन नेताओें ने पार्टी की विचारधारा की कसम खाई थी उन्होंने किस तरह से यू-टर्न ले लिया. गोवा में बीजेपी के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के बेटे ने भी कहा, 'यह मेरे पिता का रास्ता नहीं था.' एक तरह से उन्होंने पार्टी को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
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