गुजरात सरकार ने आज निलंबित आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल को उनके पद पर बहाल कर दिया। सिंघल, इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एसके नंदा ने कहा, 'हां, उन्हें (जीएल सिंघल को) बहाल कर दिया गया है। पिछली रात उनकी बहाली को मंजूरी दी गई।' राज्य के पुलिस महानिदेशक पीसी ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सिंघल को गांधीनगर में राज्य रिजर्व पुलिस के समूह कमांडेंट पद पर पदस्थापित किया गया है।
इशरत मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने सिंघल के घर पर छापेमारी की थी और एक पेन ड्राईव जब्त किया जिसमें 267 रिकॉडिंग थी।
दावा किया गया कि एक रिकॉडिंग में राज्य के कानून अधिकारियों और मंत्रियों के बीच इशरत मामले की जांच को बाधित करने की योजना बनाने की बात थी, जबकि एक रिकॉडिंग में राज्य के पूर्व गृह मंत्री शाह और सिंघल के बीच एक महिला आर्किटेक्ट की 'साहब' के निर्देश पर जासूसी की बात थी। आरोप लगाए गए कि साहब का मतलब नरेंद्र मोदी से था।
शाह और सिंघल के बीच कथित संवाद को खबरिया पोर्टल कोबरापोस्ट और गुलेल ने चलाया था, जिसमें पूर्व मंत्री आईपीएस अधिकारी को महिला पर नजदीकी निगरानी रखने के निर्देश दे रहे हैं।
वहीं सिंघल ने कहा, 'मैं गांधीनगर में एसआरपी समूह 12 के कमांडेंट पद पर बहाल कर दिया गया हूं और आक्रामकता के साथ काम करूंगा।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं