
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले दलितों की बस्ती में साबुन-शैंपू और सेंट बांटे गए.
कुशीनगर:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दलितों की बस्ती में जाने मामले में एक विवाद शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सीएम आदित्यनाथ जिन दलितों से मिले थे उन्हें पहले साबुन-शैंपू और सेंट दिया गया था. साथ ही आरोप लग रहे हैं कि सरकारी अधिकारियों ने दलितों को सख्त हिदायत दी थी कि वे सीएम के सामने बिल्कुल नहा-धोकर और धुले हुए कपड़े पहनकर जाएं. स्थानीय अखबारों की रिपोर्ट्स के मुताबिक दलितों से पाउडर लगाने को भी कहा गया था. हालांकि इस मामले में अभी तक यूपी सरकार या बीजेपी के किसी बड़े नेता का अब तक कोई बयान नहीं आया है. वहीं विपक्षी दल बीएसपी और एसपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस घटना से साबित हो गया है कि बीजेपी दलितों से दिखावे के लिए नफरत करती है.
गुरुवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कुशीनगर जिले के दौरे पर थे. तय कार्यक्रम के तहत उन्हें दलितों की बस्ती में जाना था और पांच बच्चों को टीका लगाकर इंसेफलाइटिस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करनी थी.
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने से पहले ही यूपी के बड़े अधिकारी दलित बस्ती में पहुंच गए. उन्होंने यहां साबुन, शैंपू, पाउडर और सेंट बंटवाए. इतना ही नहीं गांव के सारे नाली, सड़क खड़ंजा को चकाचक कर दिया गया. बस्ती में कई नए शौचालय भी बनवा दिए गए. बस्ती में रह रहे लोगों के घरों तक की सफाई कराई गई. पूरी बस्ती में बिजली की सुचारू व्यवस्था की गई.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
गुरुवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कुशीनगर जिले के दौरे पर थे. तय कार्यक्रम के तहत उन्हें दलितों की बस्ती में जाना था और पांच बच्चों को टीका लगाकर इंसेफलाइटिस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करनी थी.
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने से पहले ही यूपी के बड़े अधिकारी दलित बस्ती में पहुंच गए. उन्होंने यहां साबुन, शैंपू, पाउडर और सेंट बंटवाए. इतना ही नहीं गांव के सारे नाली, सड़क खड़ंजा को चकाचक कर दिया गया. बस्ती में कई नए शौचालय भी बनवा दिए गए. बस्ती में रह रहे लोगों के घरों तक की सफाई कराई गई. पूरी बस्ती में बिजली की सुचारू व्यवस्था की गई.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
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