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This Article is From Dec 20, 2017

मनमोहन सिंह शरीफ आदमी हैं, वरना पीएम मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी ला सकते थे : आजाद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा सदस्य होने के नाते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास यह भी अख्तियार है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आएं.

मनमोहन सिंह शरीफ आदमी हैं, वरना पीएम मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी ला सकते थे : आजाद
गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: गुजरात में बीजेपी को हराने के लिए कथित तौर पर पाकिस्तान की साजिश में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शामिल होने के आरोप को लेकर कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग पर अड़ी हुई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा सदस्य होने के नाते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास यह भी अख्तियार है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आएं. लेकिन आजाद ने यह भी जोड़ा कि क्योंकि मनमोहन सिंह शरीफ आदमी हैं और वह नहीं चाहते कि एक प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर एक पूर्व प्रधानमंत्री आए, इसलिए कांग्रेस प्रधानमंत्री से इस पूरे मामले पर सफाई चाहती है.

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है. माफी नहीं तो कम से कम पीएम मोदी सफाई ही दें, कांग्रेस ये मांग कर रही है. मणिशंकर अय्यर के घर मीटिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के चुनावी सभाओं में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर जो आरोप लगाए उसे लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामा होता रहा. कांग्रेस की मांग है कि या तो प्रधानमंत्री मोदी इस बात के सबूत पेश करें कि उस कथित बैठक में गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने की कोई साजिश रची गई थी या फिर वह अपने इस बयान के लिए माफी मांगे. कांग्रेस यह भी कह रही है कि अगर वह सोचते हैं कि यह बात माफी मांगने लायक नहीं है तो सदन में इस बात की सफाई ही दें कि आखिर किस परिपेक्ष्य में उन्होंने इतना गंभीर आरोप लगाया.

कांग्रेस यह भी याद दिलाना नहीं भूल रही कि इस बैठक में न सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हुए थे बल्कि पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर के अलावा कई वरिष्ठ पत्रकार और राजनयिक भी शामिल थे. राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों ने पहले प्रधानमंत्री मोदी के माफी मांगने की मांग करते हुए नारेबाजी की लेकिन बाद में वह 'शर्म करो बयान वापस लो' के नारे पर आ गए. सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के स्टैंड को साफ करते हुए कहा कि अव्वल कांग्रेस तो चाहती है कि पीएम अपने इस बयान के लिए माफी मांगे लेकिन अगर माफी मांगने में कोई दिक्कत है तो वह खुद बताएं और कहें कि उन्होंने गुजरात चुनाव जीतने के लिए इसे एक स्टंट के तौर पर बोला था जिसका चुनावी फायदा उन्हें हो गया. 

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वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मामला इतना गंभीर है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस साजिश के सबूत पेश करने चाहिए और नहीं तो फिर सफाई देनी चाहिए कि आखिर देश के पूर्व प्रधानमंत्री समेत उस मीटिंग में मौजूद तमाम गणमान्य लोगों की देशभक्ति पर उन्होंने कैसे सवाल उठा दिया. कांग्रेस कह रही है कि मणिशंकर के घर की मीटिंग को लेकर ही नरेंद्र मोदी ने गुजरात के चुनावी सभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर जो आरोप लगाए, उसका सबूत पेश करें और उस बैठक में गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने की कोई साजिश रची गई साबित करें और मामला दर्ज कर सबको जेल भेंजे या फिर वह अपने बयान के लिए माफी मांगें.

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