
जम्मू-कश्मीर के दौरे की इजाजत देने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि उन्हें राज्य के लोगों की चिंता है और वापस आकर वह शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. आजाद ने मीडिया से कहा, ‘मुझे भी चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं होनी चाहिए. लेकिन उससे पहले प्राथमिकता यह है कि लोग जिंदा रहने के लिए कमाएं और अपने परिवार को खिलाएं.'
उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया गया. कौन आवाज उठाएगा? इसलिए मैं उच्चतम न्यायालय की शरण में गया. सरकार इसको लेकर चिंतित नहीं है.'
साथ ही आजाद ने कहा, ‘मैंने जम्मू-कश्मीर जाने की कोशिश की थी लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया. मैंने बिल्कुल नहीं कहा है कि अपने परिवार से मिलने जा रहा हूं. परिवार की भी चिंता है, लेकिन इससे ज्यादा मेरी लोगों के बारे में चिंता है कि वो क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं. मैं पूरे राज्य का दौरा करना चाहता था, लेकिन मुझे कुछ स्थानों पर जाने की अनुमति मिली है. मैं उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करता हूं. जो भी रिपोर्ट लाऊंगा वो न्यायालय के समक्ष रखूंगा.'
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गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति देते हुए कहा कि वह वहां कोई राजनीतिक रैली ना करें. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को जम्मू, अनंतनाग, बारामूला और श्रीनगर जाने और लोगों से बातचीत करने की अनुमति दी है.
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