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This Article is From Aug 27, 2020

गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, आज कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त हो, तो उनके पास शायद '1% समर्थन' भी नहीं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) जिन्होंने सोनिया गांधी को लिखे गए "असहमति" पत्र पर भी हस्ताक्षर किए थे, ने पार्टी में अलग-थलग किए जाने के चार दिन बाद पार्टी नेतृत्व को एक और कड़ा संदेश दिया है.

गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, आज कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त हो, तो उनके पास शायद '1% समर्थन' भी नहीं
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) जिन्होंने सोनिया गांधी को लिखे गए "असहमति" पत्र पर भी हस्ताक्षर किए थे, ने पार्टी में अलग-थलग किए जाने के चार दिन बाद पार्टी नेतृत्व को एक और कड़ा संदेश दिया है.समाचार एजेंसी एएनआई से 71 वर्षीय गुलाम नबी आजाद ने कहा, "जो अधिकारी या राज्य इकाई के अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष हमारे प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं उन्हें मालूम है कि चुनाव होने पर वे कहीं नहीं होंगे." राज्यसभा सदस्य आजाद ने कहा, "जो कोई भी वास्तव में कांग्रेस का हित चाहता है , वह पत्र का स्वागत करेगा."

आज़ाद ने पत्र में सुझाव दिया कि राज्य कांग्रेस प्रमुखों, जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव किया जाना चाहिए. "एक चुनाव का यह लाभ होता है कि जब आप चुनाव लड़ते हैं, तो कम से कम आपकी पार्टी आपके साथ खड़ी होती है. अगर आज की तारीख में कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव होता तो उसके पास संभवत: एक फीसद समर्थन भी नहीं है.. यदि सीडब्ल्यूसी सदस्य चुने जाते हैं, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता है. इसमें समस्या कहां है? "

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सांसद और पूर्व मंत्रियों सहित 23 कांग्रेस नेताओं द्वारा अंतरिम पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में व्यापक सुधार, निष्पक्ष आंतरिक चुनाव, सामूहिक निर्णय लेने और "पूर्णकालिक नेतृत्व" की मांग की गई थी. हालांकि इस पत्र को राहुल गांधी के ऊपर एक हमले के रूप में देखा गया , जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस की चुनावी हार के बाद अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. हालांकि राहुल सरकार के खिलाफ पार्टी के आक्रामक कदमों में सबसे आगे रहे. पिछले कुछ महीनों में, राहुल गांधी खेमे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खेमे के बीच खाई नजर आई है.

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आज़ाद समेत पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले दूसरे नेताओं को पार्टी के भीतर ही  "गद्दार" के रूप में देखा जा रहा है. कई नेताओं ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आह्वान किया. कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद घोषणा की गई कि अगले छह महीनों में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) सत्र तक सोनिया गांधी अंतरिम प्रमुख बनी रहेंगी.
 

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