जामिया मामले में विपक्षी नेता आए साथ, एक सुर में कहा- मोदी सरकार असंवैधानिक बिल न लाई होती तो ऐसे हालात नहीं होते

जामिया मामले में छात्रों से मारपीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा, 'जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों को टॉयलेट में घुसकर पुलिस ने मारा. छात्राओं को भी नहीं बख्शा.'

जामिया मामले में विपक्षी नेता आए साथ, एक सुर में कहा- मोदी सरकार असंवैधानिक बिल न लाई होती तो ऐसे हालात नहीं होते

विपक्षी दलों के नेताओं ने जामिया मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

खास बातें

  • जामिया मामले में विपक्षी नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • गुलाम नबी आजाद का मोदी सरकार को जवाब
  • विरोध प्रदर्शनों की जिम्मेदार सत्तारूढ़ पार्टी
नई दिल्ली:

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Milia Islamia) में हुई घटना पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) नेता सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) डी राजा और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) नेता शरद यादव मौजूद थे. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा, 'जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों को टॉयलेट में घुसकर पुलिस ने मारा. छात्राओं को भी नहीं बख्शा. हमारे समय भी छात्रों के आंदोलन होते थे लेकिन उस समय बिना किसी वाइस चांसलर और प्रिंसिपल की इजाजत से पुलिस परिसर के अंदर नहीं जा सकती थी. जब कुलपति और प्रॉक्टर ने अनुमति नहीं दी, तो दिल्ली पुलिस जो केंद्र सरकार के अधीन आती है, जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस में कैसे घुसी. इस पर केंद्र सरकार जवाब दे.'

गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, 'मेरे पास जो वीडियो आया, उसमें छात्राएं बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थीं. ऐसी घटना की हम निंदा करते हैं. देश के कई इलाकों में छात्रों के प्रदर्शन चल रहे हैं. केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कोलकाता, आजमगढ़, सूरत, वाराणसी, बिहार, सीमांचल, औरंगाबाद, कानपुर, मुंबई और नार्थ-ईस्ट में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है और जैसे कश्मीर में एडवाइजरी जारी की गई थी, वैसा ही देश में चल रहा है. पीएम मोदी कहते हैं कि ये सब कांग्रेस करवा रही है तो मैं यही कहना चाहता हूं कि कांग्रेस में इतनी ताकत होती तो आप सत्ता में नहीं होते. इन विरोध प्रदर्शनों की जिम्मेदार सत्तारूढ़ पार्टी है.'

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में CPM नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'यह मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नहीं है. यह घटना (जामिया मामला) लोकतंत्र पर हमला है, संविधान पर हमला है. पुलिस को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति किसने दी, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.' विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा, 'अगर सरकार ऐसा असंवैधानिक बिल न लाई होती, तो ऐसे हालात पैदा नहीं होते. BJP इसे साम्प्रदायिक बना रही है, हम इसकी निंदा करते हैं.'

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बताते चलें कि रविवार शाम दिल्ली के जामिया नगर से लगे सराय जुलैना के पास तीन डीटीसी की बसों में आग लगाए जाने के बाद से बवाल बढ़ गया. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने बसों में आग लगाई. उनके साथ कुछ और लोग भी थे. छात्रों ने बसों को आग लगाने के आरोपों से इंकार किया है. जिस समय बसों को आग के हवाले किया गया, उस समय अंदर सवारियां मौजूद थीं. बसों में महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकारों को भी नजरअंदाज किया गया. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बीजेपी के इशारे पर पुलिस पर बसों को आग लगाने का आरोप लगाया है.

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उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं. एक तस्वीर में कुछ पुलिस वाले बसों के पास हाथों में तरल पदार्थ के गैलन लिए नजर आ रहे हैं. सिसोदिया का कहना है कि इस तस्वीर में पुलिसकर्मी आग लगाते हुए दिख रहे हैं, जबकि दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने सफाई देते हुए कहा है कि उन गैलन में पानी था और पुलिसकर्मी बसों में लगी आग बुझा रहे थे. जामिया का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. मंगलवार को इस केस में सुनवाई होगी.

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