पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) गाजीपुर लैंडफिल डंप (कचरा एकत्र करने वाला स्थान) से 50 लाख मीट्रिक टन कचरे के प्रसंस्करण के लिए एक निविदा जारी करने की प्रक्रिया में है. इस कचरे के ढेर 2024 तक निस्तारण करने की योजना है. ईडीएमसी के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. दिल्ली के गाजीपुर इलाके में सोमवार को लैंडफिल साइट पर भीषण आग लग गई. इस घटना के बाद उठे धुएं के गुबार का असर आसपास के इलाकों में भी महसूस किया गया.
ईडीएमसी की स्थाई समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पंवार ने बताया कि आग 'उच्च तापमान' के कारण लगी थी, क्योंकि प्लास्टिक पुराने कचरे के प्रमुख घटकों में से एक है और कचरे के ढेर से मीथेन गैस उत्पन्न होती रहती है. उन्होंने कहा, 'मैंने खुद घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. मौके पर दमकल गाड़ियों के अलावा हमने आग बुझाने की प्रक्रिया में मदद के लिए 22 बुलडोजर तैनात किए हैं. आज रात तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में होने की उम्मीद है.'
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उन्होंने कहा कि 2024 तक कूड़े के इस विशाल पहाड़ का निस्तारण करने की योजना है. इस बीच, आम आदमी पार्टी के पार्षद और भारतीय जनता पार्टी नीत ईडीएमसी में विपक्ष के नेता मनोज कुमार त्यागी ने एक बयान जारी कर कहा कि लैंडफिल साइट पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 26 ट्रॉमेल मशीनों और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल डंप के प्रबंधन के लिए किया जा रहा है, लेकिन यह घटना दिखाती है कि नगर निकाय में 'बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार' है. त्यागी ने आरोप लगाया कि नगर निगम में सत्तारूढ़ दल मामले की जांच से कतरा रहा है.
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