नई दिल्ली / चंडीगढ़:
विमान परिचारिका गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा ने दिल्ली पुलिस द्वारा पूछे गए सात सवालों पर अभी मुंह नहीं खोला है। जांचकर्ता काफी मशक्कत के बाद भी कांडा से इन सात बिंदुओं पर कुछ खास उगलवा नहीं पाए हैं।
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक जांच अधिकारी ने कहा, "कांडा अभी जांच टीम को गुमराह कर रहा है। हमें गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उसका दोष साबित करने के लिए कुछ मजबूत सबूत चाहिए। हम फिलहाल सात से अधिक बिंदुओं पर काम कर रहे हैं।"
सूत्र ने कहा कि कांडा ने अभी केवल यह स्वीकार किया है कि गीतिका उसकी कम्पनी में कर्मचारी थी। इसके अलावा उसने कुछ स्वीकार करने से इनकार दिया।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक कांडा न केवल जांच टीम को गुमराह कर रहा है बल्कि गीतिका की आत्महत्या के बाद वह 10 दिन तक कहां रहा इस बारे में खुलासा नहीं कर रहा है।
पुलिस पूछताछ में कांडा ने इस बात का भी जवाब नहीं दिया कि गीतिका से बात करने के लिए वह किस फोन नंबर का इस्तेमाल करता था।
जांचकर्ता उस दस्तावेज के बारे में जानना चाहते हैं जिसपर हस्ताक्षर के लिए गीतिका पर दबाव बनाया जा रहा था। इन दस्तावेजों का पता चलने पर गीतिका की आत्महत्या के संबंध में कांडा की भूमिका का पता चल सकता है।
अधिकारी ने बताया, "गीतिका की मां अनुराधा का आरोप है कि उसने चार अगस्त को कांडा को फोन किया था लेकिन जवाब नहीं मिला। बाद में जब कांडा ने दूसरे नंबर से फोन किया तो गीतिका की मां ने उससे पूछा कि चड्ढा ने किस पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए फोन किया था।"
अधिकारी ने कहा, "इसपर कांडा ने अनुराधा से कहा कि उन पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए वे अपनी बेटी को कार्यालय भेज दें।"
जांचकर्ताओं के समक्ष कई सवाल हैं जिनमें से एक यह भी है कि अगर गीतिका एक साधारण कर्मचारी थी तो दोनों के बीच 400 एसएमएस का आदान-प्रदान क्यों हुआ?
इसके अलावा सवाल यह भी है कि वे तीन कंप्यूटर कहां गए जिसे कांडा, चड्ढा और गीतिका इस्तेमाल करते थे।
चड्ढा ने गीतिका को गर्भपात के समय मदद क्यों किया? उसने गुड़गांव थाने में दुबई स्थित एयरलाइंस के बारे में फर्जी पत्र क्यों दिया जहां गीतिका ने कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस छोड़ने के बाद नौकरी शुरू की थी।
अंकित ने कहा, "उसने मेरी मां से माफी मांगी और पूरे परिवार को शिरडी की यात्रा करवाई।"
कांडा ने शनिवार को आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अदालत ने उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
गीतिका (23) ने अपने सुसाइड नोट में कांडा और उनकी एमडीएलआर एयरलाइंस की अधिकारी अरुणा चड्ढा पर परेशान करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। गीतिका की 4-5 अगस्त की रात मौत हो गई थी। कांडा 8 अगस्त से फरार था।
कांडा एमडीएलआर एयरलाइंस का मालिक था, जहां गीतिका विमान परिचारिका थी। वर्ष 2009 में एयरलाइंस बंद हो गई, तो गीतिका को कांडा के स्वामित्व वाली एक अन्य कम्पनी में नौकरी दे दी गई थी।
कांडा ने इस मामले में नाम आने के बाद हरियाणा के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस पर आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक जांच अधिकारी ने कहा, "कांडा अभी जांच टीम को गुमराह कर रहा है। हमें गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उसका दोष साबित करने के लिए कुछ मजबूत सबूत चाहिए। हम फिलहाल सात से अधिक बिंदुओं पर काम कर रहे हैं।"
सूत्र ने कहा कि कांडा ने अभी केवल यह स्वीकार किया है कि गीतिका उसकी कम्पनी में कर्मचारी थी। इसके अलावा उसने कुछ स्वीकार करने से इनकार दिया।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक कांडा न केवल जांच टीम को गुमराह कर रहा है बल्कि गीतिका की आत्महत्या के बाद वह 10 दिन तक कहां रहा इस बारे में खुलासा नहीं कर रहा है।
पुलिस पूछताछ में कांडा ने इस बात का भी जवाब नहीं दिया कि गीतिका से बात करने के लिए वह किस फोन नंबर का इस्तेमाल करता था।
जांचकर्ता उस दस्तावेज के बारे में जानना चाहते हैं जिसपर हस्ताक्षर के लिए गीतिका पर दबाव बनाया जा रहा था। इन दस्तावेजों का पता चलने पर गीतिका की आत्महत्या के संबंध में कांडा की भूमिका का पता चल सकता है।
अधिकारी ने बताया, "गीतिका की मां अनुराधा का आरोप है कि उसने चार अगस्त को कांडा को फोन किया था लेकिन जवाब नहीं मिला। बाद में जब कांडा ने दूसरे नंबर से फोन किया तो गीतिका की मां ने उससे पूछा कि चड्ढा ने किस पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए फोन किया था।"
अधिकारी ने कहा, "इसपर कांडा ने अनुराधा से कहा कि उन पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए वे अपनी बेटी को कार्यालय भेज दें।"
जांचकर्ताओं के समक्ष कई सवाल हैं जिनमें से एक यह भी है कि अगर गीतिका एक साधारण कर्मचारी थी तो दोनों के बीच 400 एसएमएस का आदान-प्रदान क्यों हुआ?
इसके अलावा सवाल यह भी है कि वे तीन कंप्यूटर कहां गए जिसे कांडा, चड्ढा और गीतिका इस्तेमाल करते थे।
चड्ढा ने गीतिका को गर्भपात के समय मदद क्यों किया? उसने गुड़गांव थाने में दुबई स्थित एयरलाइंस के बारे में फर्जी पत्र क्यों दिया जहां गीतिका ने कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस छोड़ने के बाद नौकरी शुरू की थी।
अंकित ने कहा, "उसने मेरी मां से माफी मांगी और पूरे परिवार को शिरडी की यात्रा करवाई।"
कांडा ने शनिवार को आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अदालत ने उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
गीतिका (23) ने अपने सुसाइड नोट में कांडा और उनकी एमडीएलआर एयरलाइंस की अधिकारी अरुणा चड्ढा पर परेशान करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। गीतिका की 4-5 अगस्त की रात मौत हो गई थी। कांडा 8 अगस्त से फरार था।
कांडा एमडीएलआर एयरलाइंस का मालिक था, जहां गीतिका विमान परिचारिका थी। वर्ष 2009 में एयरलाइंस बंद हो गई, तो गीतिका को कांडा के स्वामित्व वाली एक अन्य कम्पनी में नौकरी दे दी गई थी।
कांडा ने इस मामले में नाम आने के बाद हरियाणा के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस पर आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
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