यह ख़बर 25 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन जारी

खास बातें

  • मध्य दिल्ली की प्रमुख सड़कों और नौ मेट्रो स्टेशनों को लगातार दूसरे दिन भी बंद कर दिए जाने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीया युवती को न्याय दिलाने के लिए आक्रोशित लोगों का आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा।
नई दिल्ली:

मध्य दिल्ली की प्रमुख सड़कों और नौ मेट्रो स्टेशनों को लगातार दूसरे दिन भी बंद कर दिए जाने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीया युवती को न्याय दिलाने के लिए आक्रोशित लोगों का आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। सैकड़ों लोगों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया।

दिल्ली के एक कालेज की छात्रा सुषमा ठाकुर ने जंतर मंतर पर कहा, "हम चाहते हैं दुष्कर्मियों को जनता के हवाले कर दिया जाए, क्योंकि सरकार महिलाओं को न्याय नहीं दिला सकती।"

वहीं, प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश से साथियों के साथ आए एक मेडिकल छात्र सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, "हम चाहते हैं कि उस युवती को तुरंत न्याय मिले जिसके साथ छह लोगों ने दरिंदगी की। दरिंदों को जनता के बीच फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।"

ज्ञात हो कि इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसापूर्ण झड़प हो जाने के अगले दिन सोमवार को दिल्ली पुलिस ने आक्रोशित लोगों से जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।

मंगलवार को हुए प्रदर्शन में कुछ ऐसी महिलाएं भी शामिल हुईं जिनकी रिश्तेदार या सहेली हाल के दिनों में दुष्कर्म की शिकार हुई हैं, लेकिन अभी तक दुष्कर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने पुलिस प्रशासन के ढीले रवैये के खिलाफ नारे लगाए।

दो दिन पूर्व कुछ प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली यातायात पुलिस के एक हवलदार सुभाष तोमर की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। गंभीर रूप से घायल तोमर ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने तोमर के परिवार को हर तरह की मदद देने का भरोसा दिया है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को इंडिया गेट और राजपथ पर किए गए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों पर जब कड़ाके की ठंड में पानी की बौछार की गई और आंसूगैस के गोले दागे गए तब उन्होंने भी आपा खो दिया। सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज के जवाब में जमकर पथराव किया गया जिसमें 78 पुलिसकर्मी और 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों पर उन्हें भरोसा नहीं है, जब तक आरोपियों को सख्त से सख्त सजा नहीं दे दी जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।