एक नई सुबह कार्यक्रम में बोलते हुए उमा भारती
नई दिल्ली:
केंद्रीय जल मंत्री उमा भारती ने वादा किया है कि 2018 तक गंगा दुनिया की 10 सर्वाधिक स्वच्छ नदियों में शुमार होगी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है।
पिछली सरकारों ने अनियोजित ढंग से इस मद में खर्च किया है। हम सुस्पष्ट ढंग से चरणबद्ध तरीके से गंगा को साफ करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। फिलहाल यह दुनिया की 10 सर्वाधिक गंदी नदियों में गिनी जाती है। 2018 तक यह 10 सर्वाधिक नदियों में शुमार होगी।
मोदी सरकार के दो साल पूरा होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के इंडिया गेट पर आयोजित किए जा रहे मेगा शो एक नई सुबह कार्यक्रम में बोलते हुए उमा भारती ने यह बात कही।
भारती ने यह भी कहा कि गंगा की सफाई का अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण दायित्व है। दशकों से उद्योगों का कचरा गंगा में डाला जाता रहा है। हमने इसके साथ ही यमुना की भी साफ-सफाई का कार्यक्रम शुरू किया है। हमने उद्योगों से गंगा में कचरा नहीं डालने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा पिछले एक साल में गंगा में कचरा डालने से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई किए जाने के चलते औद्योगिक कचरे के डाले जाने की मात्रा में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
जनवरी में पर्यावरण मंत्री ने गंगा नदी किनारे स्थित 150 औद्योगिक इकाईयों को बंद करने का आदेश दिया था। इनमें चीनी मिलें और टेनरियां भी शामिल थीं। इन कचरों के संबंध में सतत निगरानी तंत्र लगाने में विफल होने के कारण ऐसा किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विजिलेंस टीम ने 130 उद्योगों का निरीक्षण किया था।
पिछली सरकारों ने अनियोजित ढंग से इस मद में खर्च किया है। हम सुस्पष्ट ढंग से चरणबद्ध तरीके से गंगा को साफ करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। फिलहाल यह दुनिया की 10 सर्वाधिक गंदी नदियों में गिनी जाती है। 2018 तक यह 10 सर्वाधिक नदियों में शुमार होगी।
मोदी सरकार के दो साल पूरा होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के इंडिया गेट पर आयोजित किए जा रहे मेगा शो एक नई सुबह कार्यक्रम में बोलते हुए उमा भारती ने यह बात कही।
भारती ने यह भी कहा कि गंगा की सफाई का अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण दायित्व है। दशकों से उद्योगों का कचरा गंगा में डाला जाता रहा है। हमने इसके साथ ही यमुना की भी साफ-सफाई का कार्यक्रम शुरू किया है। हमने उद्योगों से गंगा में कचरा नहीं डालने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा पिछले एक साल में गंगा में कचरा डालने से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई किए जाने के चलते औद्योगिक कचरे के डाले जाने की मात्रा में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
जनवरी में पर्यावरण मंत्री ने गंगा नदी किनारे स्थित 150 औद्योगिक इकाईयों को बंद करने का आदेश दिया था। इनमें चीनी मिलें और टेनरियां भी शामिल थीं। इन कचरों के संबंध में सतत निगरानी तंत्र लगाने में विफल होने के कारण ऐसा किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विजिलेंस टीम ने 130 उद्योगों का निरीक्षण किया था।
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