नई दिल्ली:
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की गई 2014 की सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिसमें इरा सिंघल को शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।
कुल 1236 सफल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। इनमें से 590 सामान्य श्रेणी, 354 ओबीसी, 194 एससी, 98 एसटी वर्ग के प्रत्याशी हैं। शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं ने बाजी मारी है।
यूपीएससी द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार 29 साल की इरा सिंघल ने सामान्य श्रेणी में पहला, केरल की रहने वाली रेणु राज ने दूसरा और दिल्ली की ही एक और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी निधि गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं दिल्ली की रहने वाली एक और महिला वंदना राव ने चौथा स्थान हासिल किया, जबकि आईआरएस (आयकर कैडर) अधिकारी सुहर्ष भगत ने पांचवां स्थान हासिल किया।
इरा ने पीटीआई से कहा, 'मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं।'
वहीं अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने तिरुवनंतपुरम से बात करते हुए कहा, 'मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं। मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।' केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करने वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं।
वहीं तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा, 'यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।'
चौथा स्थान हासिल करने वाली वंदना राव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया। तीसरे प्रयास में सफल रहने वाली वंदना ने कहा, 'मैंने लोगों को दो-दो बार फोन कर यह देखने के लिए कहा कि मैं परीक्षा में सफल रही या नहीं। यह एक खुशनुमा आश्चर्य है। यह सच में कड़ी मेहनत का नतीजा है।'
इनके अलावा यूपीएससी में पांचवा स्थान पाने वाले सुहर्ष भगत बिहार के रहने वाले हैं और वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं।
बिहार के समस्तीपुर जिले में रहने वाले उनके डॉक्टर पिता फलेंद्र भगत ने कहा, 'सुहर्ष का 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) में चयन हुआ था। 2012 में उसने दोबारा परीक्षा दी और उसे भारतीय सूचना सेवा में जगह मिली। 2013 में उसे आईआरएस (आयकर) मिला। वह इस समय नागपुर में तैनात है।'
कुल 1236 सफल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। इनमें से 590 सामान्य श्रेणी, 354 ओबीसी, 194 एससी, 98 एसटी वर्ग के प्रत्याशी हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार में संपन्न होती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।
देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब 9.45 लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था और करीब 4.51 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 16,933 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था, जिसमें 16,286 अभ्यर्थी ही शामिल हुए।
कुल 1236 सफल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। इनमें से 590 सामान्य श्रेणी, 354 ओबीसी, 194 एससी, 98 एसटी वर्ग के प्रत्याशी हैं। शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं ने बाजी मारी है।
यूपीएससी द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार 29 साल की इरा सिंघल ने सामान्य श्रेणी में पहला, केरल की रहने वाली रेणु राज ने दूसरा और दिल्ली की ही एक और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी निधि गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं दिल्ली की रहने वाली एक और महिला वंदना राव ने चौथा स्थान हासिल किया, जबकि आईआरएस (आयकर कैडर) अधिकारी सुहर्ष भगत ने पांचवां स्थान हासिल किया।
इरा ने पीटीआई से कहा, 'मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं।'
वहीं अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने तिरुवनंतपुरम से बात करते हुए कहा, 'मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं। मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।' केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करने वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं।
वहीं तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा, 'यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।'
चौथा स्थान हासिल करने वाली वंदना राव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया। तीसरे प्रयास में सफल रहने वाली वंदना ने कहा, 'मैंने लोगों को दो-दो बार फोन कर यह देखने के लिए कहा कि मैं परीक्षा में सफल रही या नहीं। यह एक खुशनुमा आश्चर्य है। यह सच में कड़ी मेहनत का नतीजा है।'
इनके अलावा यूपीएससी में पांचवा स्थान पाने वाले सुहर्ष भगत बिहार के रहने वाले हैं और वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं।
बिहार के समस्तीपुर जिले में रहने वाले उनके डॉक्टर पिता फलेंद्र भगत ने कहा, 'सुहर्ष का 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) में चयन हुआ था। 2012 में उसने दोबारा परीक्षा दी और उसे भारतीय सूचना सेवा में जगह मिली। 2013 में उसे आईआरएस (आयकर) मिला। वह इस समय नागपुर में तैनात है।'
कुल 1236 सफल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। इनमें से 590 सामान्य श्रेणी, 354 ओबीसी, 194 एससी, 98 एसटी वर्ग के प्रत्याशी हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार में संपन्न होती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।
देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब 9.45 लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था और करीब 4.51 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 16,933 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था, जिसमें 16,286 अभ्यर्थी ही शामिल हुए।
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