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This Article is From Jul 09, 2018

चार पार्टियां एकसाथ चुनाव कराने के समर्थन में, नौ का विरोध, भाजपा और कांग्रेस की चुप्पी

एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय परामर्श प्रक्रिया के अंत में राजग सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के अलावा, अन्नाद्रमुक, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया.

चार पार्टियां एकसाथ चुनाव कराने के समर्थन में, नौ का विरोध, भाजपा और कांग्रेस की चुप्पी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: राजनीतिक दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं. चार राजनीतिक दल जहां इस विचार के समर्थन में हैं, वहीं नौ इसके खिलाफ हैं. हालांकि सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस विषय पर विधि आयोग की ओर से आयोजित परामर्श प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.

एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय परामर्श प्रक्रिया के अंत में राजग सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के अलावा, अन्नाद्रमुक, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि भाजपा के सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने इस विचार का विरोध किया, वहीं तृणमूल कांग्रेस, आप, द्रमुक, तेदेपा, भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और जदएस ने भी इसका विरोध किया. सपा, टीआरएस, आप, द्रमुक, तेदेपा, जदएस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने विधि आयोग से मुलाकात की और अपने विचार रखे.

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सपा का प्रतिनिधित्व राम गोपाल यादव ने किया. सपा ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि यादव ने स्पष्ट किया कि पहला एकसाथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होगा. यदि एकसाथ चुनाव 2019 में हुआ तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार का कार्यकाल छोटा होगा. आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने विधि आयोग से कहा कि एकसाथ चुनाव लोगों को एक सरकार बनाने से दूर रखने की एक ‘चाल’ है क्योंकि यदि दोनों चुनाव साथ हुए तो सदनों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा.

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने विधि आयोग को दिये एक लिखित जवाब में कहा कि उनकी पार्टी देश में एकसाथ लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव कराये जाने का समर्थन करती है. बैठक में टीआरएस का प्रतिनिधित्व करने वाले बी विनोद कुमार ने कहा कि यह विश्लेषण गलत है कि यदि एकसाथ चुनाव हुए तो स्थानीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दे भारी पड़ेंगे. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आयोग को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर अपनी पार्टी की आपत्ति दर्ज करायी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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