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This Article is From Jan 01, 2020

इसरो के लिए व्यस्तता का साल 2020, गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों की तकनीकी ट्रेनिंग जल्द शुरू होगी

2022 में भेजे जाने वाले गगनयान के यात्रियों यानी एस्ट्रोनॉट की मेडिकल फिटनेस जांच पूरी हुई, चारों अंतरिक्ष यात्री वायु सेना से

इसरो के लिए व्यस्तता का साल 2020, गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों की तकनीकी ट्रेनिंग जल्द शुरू होगी
प्रतीकात्मक फोटो.
बेंगलुरु:

साल 2020 इसरो के लिए काफ़ी व्यस्तताओं से भरा होगा. इसरो चंद्रयान-3 अगले साल की शुरुआत में लांच करेगा. इसके अलावा 2022 में भेजे जाने वाले गगनयान के यात्रियों यानी एस्ट्रोनॉट की मेडिकल फिटनेस जांच पूरी हो चुकी है. जो चार अंतरिक्ष यात्री चुने गए हैं वे सभी वायु सेना से हैं. उनकी दूसरी तकनीकी ट्रेनिंग अब जल्द ही शुरू की जाएगी. इसरो पर चन्द्रयान 3 को सरकार की मंजूरी के बाद इसको लांच करने की ज़िम्मेदारी तो है ही साथ ही साथ 2022 तक अंतरिक्ष मे भेजे जाने वाले गगन यान की तैयारी भी ज़ोरों पर है. दस हजार करोड़ रुपये के इस मिशन के लिए वायुसेना से चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुना गया है. इनमें से हो सकता है कि दो को गगनयान में अंतरिक्ष में भेजा जाए.

अंतरिक्ष यात्रियों का मेडिकल टेस्ट के बाद रुस भेजा गया था. वहां उनका मेडिकल हुआ और फिर जिन चार को अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया है उनकी ट्रेनिंग रूस और यहां होगी.

गगनयान के साथ-साथ तक़रीबन 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन पर भी काम चल रहा है. इसरो अध्यक्ष के सीवन के मुताबिक चन्द्रयान तीन 13 से 16 महीने, यानी अगले साल 2021 में लांच करने की तैयारी चल रही है.

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चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को चन्द्रयान-3 के लैंडर और रोवर से जोड़ा जाएगा. चूंकि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है इसीलिए एक खास प्रोपल्शन सिस्टम से लैंडर और रोवर को चांद तक पहुंचाया जाएगा.

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चांद की सतह पर लैंडिंग के समय यान के वेग को कम करने में नाकाम रहने की वजह से लेंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हो गई थी और चंद्रयान मिशन पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया था.

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इस साल इसरो 25 मिशन लांच करेगा जिसमें 'आदित्य' भी शामिल है. यह सूरज के बाहरी हिस्से यानी करोना का अध्ययन करेगा.

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इसरो अपने दोनों ही अहम मिशन के लिए तैयार है, नई उम्मीद और भरोसे के साथ. चंद्रयान-2 के साथ जिस तरह पूरा देश खड़ा था उसकी बुनियाद पर कहा जा सकता है कि चंद्रयान-3 के साथ न सिर्फ इसरो की उम्मीद जुड़ी है बल्कि देश भर के लोगों की दुआ भी.

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