विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कसा तंज, कहा- जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य शुरू होते ही आपकी सारी योजना धरी...

एस जयशंकर की यह टिप्पणी शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक, ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशल स्टडीज’ में विदेश नीति पर उनके भाषण के बाद पूछे गए एक सवाल के जवाब में आया है.

विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कसा तंज, कहा- जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य शुरू होते ही आपकी सारी योजना धरी...

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर साधा निशाना

खास बातें

  • एस जयशंकर ने कहा- पाकिस्तान अपने मनसूबे में कामयाब नहीं होगा
  • हम करेंगे जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य- एस जयशंकर
  • पाकिस्तान पर पहले भी बयान दे चुके हैं एस जयशंकर
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर तंज कसा है. एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की सारी योजना पर पानी फिर जाएगा जो वह पिछले 70 साल से कश्मीर के खिलाफ रच रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में कहा कि कश्मीर घाटी में मोबाइल सेवाएं फिलहाल इसलिए बंद रखी गई हैं ताकि भारत विरोधी ताकतों को उग्र होने एवं एकजुट करने की मंशा से इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने से रोका जा सके. एस जयशंकर की यह टिप्पणी शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक, ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशल स्टडीज' में विदेश नीति पर उनके भाषण के बाद पूछे गए एक सवाल के जवाब में आया है.

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उन्होंने कहा कि वहां इस संबंध में प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. पिछले 70 साल में वहां निहित स्वार्थ पैदा हुए हैं. ये स्थानीय एवं सीमा पार के निहित स्वार्थ हैं. एस जयशंकर कहा कि जब भी किसी चीज पर यथास्थिति को ठोस तरीके से बदला जाता है तो परिवर्तन संबंधी खतरे रहते हैं और प्रतिक्रियाएं देखने को मिलेंगी. उन्होंने कहा कि लेकिन, अगर हम जम्मू-कश्मीर में विकास को गति देने में कामयाब हो जाते हैं तो समझिए कि पाकिस्तानियों ने जो पिछले 70 साल से योजना बनाई हुई है वह धरी की धरी रह जाएगी.

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विदेश मंत्री का यह बयान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तरफ से पिछले महीने दिए गए बयान से काफी मिलता-जुलता है. मलिक ने कहा था कि अगर हम जम्मू-कश्मीर को विकास के मार्ग पर ले जाने में कामयाब होते हैं, जो कि बहुत संभव है, तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निवासी जिन्हें पाकिस्तान के दखल का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, वे खुद ही भारत की हिस्सा बनने के लिए हमारी तरफ दौड़े आएंगे. जयशंकर का यह रुख जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक प्रावधानों में भारत की तरफ से किए गए हालिया बदलावों तथा इससे जुड़े जोखिमों पर हो रही बातचीत के संबंध में था.

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