हरियाणा में 10 साल में पहली बार लिंग अनुपात में सुधार, लड़कियों का अनुपात 900 के पार पहुंचा

हरियाणा में 10 साल में पहली बार लिंग अनुपात में सुधार, लड़कियों का अनुपात 900 के पार पहुंचा

प्रतीकात्मक चित्र

चंडीगढ़:

कम लिंगानुपात के लिए बदनाम हरियाण में इस मामले में कुछ सुधार दिख रहा है और दिसम्बर में लड़कियों का अनुपात प्रति एक हजार लड़कों के मुकाबले 900 के पार पहुंच गया है। दस सालों में ऐसा पहली बार हुआ है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को चंडीगढ़ में कहा, 'हरियाणा में लिंगानुपात में पिछले दस वर्षों में पहली बार दिसम्बर, 2015 में बढ़ोतरी हुई है। अब यह संख्या प्रति एक हजार लड़कों पर 903 लड़कियों की है।' खट्टर ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता के लिए राज्य की बहुआयामी रणनीति को श्रेय दिया, जिसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत लागू किया गया है।

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दिसम्बर में 12 जिलों में लिंगानुपात 900 से ऊपर पहुंचा है। सिरसा इस सूची में शीर्ष पर है, जहां प्रति एक हजार लड़कों पर 999 लड़कियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला में लिंगानुपात 961, करनाल में 959, फतेहाबाद में 952, गुड़गांव में 946, सोनीपत में 942, जींद में 940, रेवाड़ी में 931, मेवात में 923, भिवानी और महेंद्रगढ़ में 912 और हिसार में 906 है। सूची में सबसे कम अनुपात झज्जर का 794 लड़कियों का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अगले छह महीने के अंदर 950 का लिंगानुपात हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है।