- सब्सिडी और दरों पर सदन की एक समिति विचार कर रही हैं.
 - लोकसभा अध्यक्ष ने खाद्य प्रबंधन पर संयुक्त समिति पुनर्गठित की है.
 - सब्सिडी को लेकर अत्यधिक आलोचना के बाद इस साल जनवरी में दरें बढ़ाई गई थीं
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        संसद की कैंटीन में खाने-पीने की चीजों के दाम एक बार फिर बढ़ सकते हैं और खानपान की वस्तुओं को दी जाने वाली सब्सिडी और दरों पर सदन की एक समिति विचार कर रही हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ने राज्यसभा के सभापति के साथ विमर्श कर खाद्य प्रबंधन पर संयुक्त समिति पुनर्गठित की है, जिसमें 'संसद भवन परिसर स्थित रेलवे खान-पान इकाइयों में मिलने वाली खाने-पीने की चीजों की दरों की समीक्षा पर विचार करना' भी शामिल है.
निम्न सदन के बुलेटिन के अनुसार, समिति संसद भवन में इन इकाइयों के संचालन के लिए सब्सिडी के स्तर पर भी विचार करेगी. जितेंद्र रेड्डी इस समिति के प्रमुख हैं और इसमें 15 सदस्य हैं. इन सदस्यों में निचले सदन से 10 और उच्च सदन से पांच सदस्य हैं. यह कदम काफी मायने रखता है, क्योंकि खुले बाजार में महंगाई के समय संसद में मिलने वाली खाने-पीने की चीजों पर सब्सिडी को लेकर हुई अत्यधिक आलोचना के बाद इस साल जनवरी में दरें बढ़ाई गई थीं.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दरों की समीक्षा का आदेश दिया था, जो छह साल बाद किया गया था. उस समय उन्होंने कहा था कि समय-समय पर दरों की समीक्षा की जाएगी. तदनुसार, जो शाकाहारी थाली पहले 18 रुपये में मिलती थी, वह अब 30 रुपये में मिलती है. जो मांसाहारी थाली पहले 33 रुपये की थी, वह अब 60 रुपये में बेची जा रही है. जो चिकन करी पहले 29 रुपये में मिलती थी, वह अब 40 रुपये में मिलती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                लोकसभा अध्यक्ष ने राज्यसभा के सभापति के साथ विमर्श कर खाद्य प्रबंधन पर संयुक्त समिति पुनर्गठित की है, जिसमें 'संसद भवन परिसर स्थित रेलवे खान-पान इकाइयों में मिलने वाली खाने-पीने की चीजों की दरों की समीक्षा पर विचार करना' भी शामिल है.
निम्न सदन के बुलेटिन के अनुसार, समिति संसद भवन में इन इकाइयों के संचालन के लिए सब्सिडी के स्तर पर भी विचार करेगी. जितेंद्र रेड्डी इस समिति के प्रमुख हैं और इसमें 15 सदस्य हैं. इन सदस्यों में निचले सदन से 10 और उच्च सदन से पांच सदस्य हैं. यह कदम काफी मायने रखता है, क्योंकि खुले बाजार में महंगाई के समय संसद में मिलने वाली खाने-पीने की चीजों पर सब्सिडी को लेकर हुई अत्यधिक आलोचना के बाद इस साल जनवरी में दरें बढ़ाई गई थीं.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दरों की समीक्षा का आदेश दिया था, जो छह साल बाद किया गया था. उस समय उन्होंने कहा था कि समय-समय पर दरों की समीक्षा की जाएगी. तदनुसार, जो शाकाहारी थाली पहले 18 रुपये में मिलती थी, वह अब 30 रुपये में मिलती है. जो मांसाहारी थाली पहले 33 रुपये की थी, वह अब 60 रुपये में बेची जा रही है. जो चिकन करी पहले 29 रुपये में मिलती थी, वह अब 40 रुपये में मिलती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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