बिहार-यूपी में बाढ़ से हालात खराब, अब तक 322 लोगों की मौत,5 प्वाइंट्स में पढ़ें पूरी खबर

बाढ़ की वजह से सबसे अधिक नुकसान अररिया में पहुंचा हैं जहां अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है, सीतामढ़ी में 31, पश्चिम चंपारण में 29, कटिहार में 23, पूर्वी चंपारण में 19 लोगों की मौत हो चुकी है.

बिहार-यूपी में बाढ़ से हालात खराब, अब तक 322 लोगों की मौत,5 प्वाइंट्स में पढ़ें पूरी खबर

बिहार में बाढ़ से हालात खराब

खास बातें

  • बाढ़ से अररिया में 57 लोगों की मौत
  • 7 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
  • कुछ लोग मदद न मिलने की शिकायत भी कर रहे हैं
पटना/लखनऊ:

बिहार में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. बाढ़ की वजह से मरने वालों की तादाद बढ़कर 253 तक पहुंच गई है जबकि 18 जिलों के करीब 1 करोड़ 26 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. जिन जिलों में बाढ़ ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है वे हैं किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरनगर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया.

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1.बाढ़ की वजह से सबसे अधिक नुकसान अररिया में पहुंचा हैं जहां अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है,  सीतामढ़ी में 31, पश्चिम चंपारण में 29, कटिहार में 23, पूर्वी चंपारण में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का काम किया जा रहा है. अब तक 7 लाख से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला जा चुका है हालांकि लोगों की शिकायत है कि उन तक मदद वक्त पर नहीं पहुंच पा रही है.

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2.राहतकार्य में एनडीआरएफ की 28 टीम के 1152 जवान अपनी 118 नावों के साथ जुटे हैं. एसडीआरएफ की 16 टीम के 446 जवान अपनी 92 नौकाओं के साथ लोगों को बचाने की मुहिम में जुटे हैं. इसके अलावा सेना के 630 जवानों के साथ वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी राहत कार्य में जुटे हैं. वायुसेना के MI17 और V5 हेलीकॉप्टर से खाने-पाने का सामान पहुंचाया जा रहा है. तकरीबन 7 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. 1358 राहत शिविरों में 4.21 लाख से ज़्यादा लोगों ने शरण ले रखी है.

3.वहीं उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में बाढ़ से बुरे हालात हैं. यहां भी क़रीब 20 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ की वजह से 69 लोगों की मौत की ख़बर है, जबकि 24 जिलों के करीब ढाई हज़ार गावों में बाढ़ का असर है. यहां बनाए गए राहत शिविरों में करीब 40 हजार लोग रह रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बाढ़ की बड़ी वजह नेपाल की ओर से आने वाला पानी है, जहां की नदियां उफान पर हैं. यहां राहत के लिए एनडीआरएफ की 20 कंपनियां तैनात हैं जबकि 29 कंपनियां पीएसी की भी तैनात हैं. बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए एयरफोर्स के दो चॉपर गश्त लगा रहे हैं.

4.असम में भी बाढ़ से बुरे हालात हैं. बीते करीब दो महीने से यहां बाढ़ की वजह से लाखों लोग अपनी जगह से विस्थापित हो चुके हैं. इस बार आई बाढ़ में बीते दस दिनों में 60 लोगों की मौत हुई है जबकि बीते दो महीनों में असम में करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हुई. यहां के मोरेगांव जिले में सबसे बुरे हालात हैं.

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5.यहां के 2200 गांवों की सवा लाख आबादी प्रभावित हुई है. इसके बाद यहां बाढ़ की वजह से हजारों हेक्टेयर की फसल बरबाद हो गई है. साथ ही असम के काज़ीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ की वजह से करीब डेढ़ सौ जानवर मारे गए हैं, जिसमें गेंडे, हिरण, हाथी और दूसरे जानवर शामिल हैं.


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