असम के जोरहाट जिले में ओएनजीसी संयंत्र के एक पम्प में आग लग गई। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि आग दुर्घटनावश हुए विस्फोट की वजह से लगी। इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। विद्रोही संगठन उल्फा ने हालांकि इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
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गुवाहाटी:
असम के जोरहाट जिले में ओएनजीसी संयंत्र के एक पम्प में आग लग गई। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि आग दुर्घटनावश हुए विस्फोट की वजह से लगी। इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। विद्रोही संगठन उल्फा ने हालांकि इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
एक प्रवक्ता ने बताया कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के जोरहाट जिले के बरखोला में स्थित गैस गैदरिंग स्टेशन संयंत्र में आग शुक्रवार रात करीब 9.30 बजे लगी। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी की वजह से दुर्घटनावश विस्फोट हुआ और आग लग गई। इस घटना की वजह से हालांकि उत्पादन कार्य प्रभावित नहीं हुआ।
प्रवक्ता ने कहा कि आग की वजह से 50 लाख रुपये नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा, "कच्चा तेल पम्प में जमा कर रखा जाता है और उसे पाइप के जरिए शोधन के लिए भेजा जाता है। पाइप में आग लगने से टैंक में विस्फोट हो गया।"
उधर, युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि यह हमला केंद्र सरकार की शोषण नीति के विरुद्ध संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियान का एक हिस्सा है। संगठन बड़े प्रतिष्ठानों पर हमले का अभियान चला रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने हालांकि कहा कि विस्फोट तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुई और इसमें उल्फा के वार्ता विरोधी गुट का हाथ नहीं है।
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ओएनजीसी के अधिकारी घटना की विस्तृत जांच करवा रहे हैं, जिससे विस्फोट के वास्तविक कारण का पता चलेगा।"
एक प्रवक्ता ने बताया कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के जोरहाट जिले के बरखोला में स्थित गैस गैदरिंग स्टेशन संयंत्र में आग शुक्रवार रात करीब 9.30 बजे लगी। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी की वजह से दुर्घटनावश विस्फोट हुआ और आग लग गई। इस घटना की वजह से हालांकि उत्पादन कार्य प्रभावित नहीं हुआ।
प्रवक्ता ने कहा कि आग की वजह से 50 लाख रुपये नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा, "कच्चा तेल पम्प में जमा कर रखा जाता है और उसे पाइप के जरिए शोधन के लिए भेजा जाता है। पाइप में आग लगने से टैंक में विस्फोट हो गया।"
उधर, युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि यह हमला केंद्र सरकार की शोषण नीति के विरुद्ध संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियान का एक हिस्सा है। संगठन बड़े प्रतिष्ठानों पर हमले का अभियान चला रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने हालांकि कहा कि विस्फोट तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुई और इसमें उल्फा के वार्ता विरोधी गुट का हाथ नहीं है।
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ओएनजीसी के अधिकारी घटना की विस्तृत जांच करवा रहे हैं, जिससे विस्फोट के वास्तविक कारण का पता चलेगा।"
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