कोरोनावायरस की पहली लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था अभी उबर ही रही थी कि दूसरी लहर ने इसे जोर का झटका दिया था. झटका उतना गंभीर नहीं था, जितना पहली लहर में क्योंकि राज्यों ने आंशिक लॉकडाउन या फिर कुछ प्रतिबंधों का ही सहारा लिया था, लेकिन कुछ सेक्टर जरूर भयंकर दबाव में आ गए. वहीं आम आदमी और देश की अर्थव्यवस्था के दो लहरों की मार काफी भारी महसूस हुई. और अब तीसरी लहर की चिंता के बीच वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर की मार झेलने के बाद अब अर्थव्यवस्था सुधार के संकेत दिखा रही है.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जून, 2021 के लिए मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट यानी Monthly Economic Review Report पब्लिश की है.
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इसके अहम बिंदु इस प्रकार हैं:
- दूसरी लहर के चलते कुछ सेक्टरों में इकॉनमिक रिकवरी असमान दिख रही है. पोर्ट ट्रैफिक, एयर ट्रैफिक, PMI मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज़ में बहुत धीमा सुधार दिख रहा है.
- औद्योगिक उत्पादन के ताजा अनुमान दिखाते हैं कि देश के आठ कोर उद्योगों में चरणबद्ध धीरे-धीरे वृद्धि दिख सकती है. मई 2021 में 16.8 फीसदी का ईयर ऑन ईयर का ग्रोथ दिखा है, जो कि मई, 2019 से 8 फीसदी नीचे है.
- अच्छा मॉनसून रहने, खरीफ की बढ़ती बुआई और राज्यों में अनलॉक की बढ़ती प्रक्रिया से खाद्य आपूर्ति और महंगाई में राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कमोडिटी की कीमतों और इनपुट में लागत के दबाव में मांग केंद्रित रिकवरी के चलते खतरे बने हुए हैं.
- टारगेटेड फिस्कल रिलीफ, मॉनेटरी पॉलिसी के तहत उठाए गए राहत कदमों और तेज गति से हो रहे वैक्सीनेशन ड्राइव के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के संकेत दिखा रही है.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीनेशन में और विस्तार और कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी नियमों का सख्ती से पालन करने से तीसरी लहर के खिलाफ एक सुरक्षा तैयार की जा सकती है.
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