पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) संकट को लेकर 'जहर पीने को मजबूर' की धमकी देने वाले ग्राहकों से कहा है कि वह शांति रखें. एक यूजर ने ट्वीटर पर लिखा था कि PMC में गंभीर वित्तीय संकट के कारण कुछ लोग जहर खाने को बाध्य है. वित्त मंत्री ने ट्विटर पर लिखा था, 'पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक मामले पर PIB इंडिया ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. साथ ही उपभोगताओं की शिकायतों के निवारण और पूछताछ के लिए टोल फ्री नंबर 1800223993 जारी किया गया है.'
PMC Bank को 11 साल में लगा 4300 करोड़ का चूना, पूर्व प्रबंधन और प्रवर्तकों के खिलाफ FIR दर्ज
वित्त मंत्री ट्वीट के जवाब में राकेश भट्ट नाम के एक यूजर ने ट्वीट किया, 'डियर मैडम, इसमें कुछ भी नया नहीं है. हम जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की उम्मीद करते हैं. हम भारत सरकार और RBI से उम्मीद करते हैं कि उनके पास इस संकट से निपटने के पर्याप्त तरीके हैं. कृपया इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें. अन्यथा लोगों को जहर खाकर मरने के लिए बाध्य होने पड़ेगा. राकेश भट.'
Dear Madam, nothing new in this. We expect a quick resolution. There are ample ways to handle the crisis and this is least expected from GOI and RBI.Please accept this as the challenge and help otherwise people are bound to consume poison and die.Rakesh Bhat,7028862699
— rakeshbhat2011 (@rakeshbhat2011) September 30, 2019
PMC बैंक के बाद अब यह Bank संकट में, RBI ने लोन देने पर रोक समेत लगाए कई प्रतिबंध
राकेश भट्ट को जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने लिखा, 'मैं आपसे अपील करती हूं कि ऐसे शब्दों का उल्लेख/बोलने/लिखने के लिए न करें. बहुत सारे राज्य सहकारी संस्थान वित्त मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आते हैं. भले ही उन्हें बैंक कहा जाता हो. RBI उन्हें देखता है और वह कार्रवाई कर रहा है.'
On the Punjab and Maharashtra Cooperative Bank matter, a press release through the @PIB_India. Depositors can access the website https://t.co/PERlOr7HUO for any grievance redressal and call on toll free number 1800223993 for enquiries. https://t.co/sTL8TiGUUX
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) September 30, 2019
बता दें, RBI ने 23 सितंबर को PMC बैंक पर वित्तीय गड़बड़ियों का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही बैंक ग्राहकों के पैसा निकालने की सीमा भी तय कर दी थी. शुरू में यह छह महीने एक हजार रुपये थी जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया था.
VIDEO: बैंकों की गलती, मुश्किल में ग्राहक
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