फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को आज निर्देश दिया कि वह चारधाम राजमार्ग परियोजना की स्थिति पर व्यापक जानकारी सहित हलफनामा दायर करे. चारधाम राजमार्ग परियोजना उत्तराखंड के चार तीर्थस्थलों को सभी मौसमों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी. एनजीटी के कार्यवाहक अध्यक्ष जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्रालय से कहा कि वह 28 मई तक हलफनामा दायर कर जारी कार्य के बारे में व्यापक जानकारी दे तथा उसे उन क्षेत्रों के बारे सूचित करे जहां अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. परियोजना का उद्देश्य केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने का है.
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हरित इकाई ने मंत्रालय को यह निर्देश भी दिया कि वह पर्यावरणीय प्रभाव आकलन अधिसूचना के तहत पर्यावरण मंजूरी हासिल करने के मुद्दे तथा अन्य मंजूरियों पर अपना रुख स्पष्ट करे. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी ने कहा कि चारधाम परियोजना राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और यह इस तथ्य से संबंधित है कि वहां सीमावर्ती क्षेत्र हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ व्यापक राष्ट्रीय हित में सड़कों का विस्तार आवश्यक है तथा इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता. परियोजना चारधाम यात्रा करने वाले लोगों के भी व्यापक हित में है.’’
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याचिकाकार्ता ‘ सिटिजंस ऑफ ग्रीन दून ’ की ओर से पेश वकील संजय पारिख ने इसका विरोध किया और कहा कि परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है तथा जारी कार्य पूरी तरह अवैध है. उन्होंने कहा कि पेड़ और पर्वत भी राष्ट्रीय महत्व के हैं तथा उन्हें बचाना सरकार का दायित्व है.
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याचिकाकार्ता ‘ सिटिजंस ऑफ ग्रीन दून ’ की ओर से पेश वकील संजय पारिख ने इसका विरोध किया और कहा कि परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है तथा जारी कार्य पूरी तरह अवैध है. उन्होंने कहा कि पेड़ और पर्वत भी राष्ट्रीय महत्व के हैं तथा उन्हें बचाना सरकार का दायित्व है.
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