क्रैश हुए जैगुआर एयरक्राफ्ट का फोटो...
इलाहाबाद:
भारतीय वायुसेना का एक जैगुआर विमान इलाहाबाद के नजदीक एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन दोनों पायलट विमान से सुरक्षित निकल गए। यह साल का दूसरा जैगुआर हादसा है।
विमान शहर के बाहर बमरौली में भारतीय वायुसेना के मध्य वायु कमान से करीब 18 किलोमीटर दूर नैनी में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के निकट सुनसान जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। विमान ने 7 बजकर 25 मिनट पर उड़ान भरी थी और 8.47 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया । पुलिस ने बताया कि भूमि पर किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। हादसे को लेकर वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वारी के आदेश दे दिए गए हैं। पिछले छह महीने में छह लड़ाकू विमान हादसे के शिकार हो चुके हैं। इनमें एक सुखोई, दो जैगुआर, दो मिग-27 , एक मिग-21, एक ट्रेनर विमान हॉक और एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिग-35 भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर एसएस विर्दी ने एनडीटीवी इंडिया से बताया कि छह महीने में छह लड़ाकू विमानों का दुर्घटनाग्रस्त होना चिंता की बात है, लेकिन हम हर हादसे से सबक लेकर उस पर कार्रवाई करते हैं।
वैसे 80 के दशक में बिट्रेन से ऐसे दो स्कावड्रन जैगुआर खरीदे गए थे। डबल इंजन वाले इस लड़ाकू विमान को हाल में अपग्रेड भी किया था। दुश्मन के इलाके में घुसकर अंदर तक मार करने में इसका कोई सानी नहीं है। पहले से ही लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही वायुसेना के लिए एक पर एक लड़ाकू विमानों का दुर्घटनाग्रस्त होना काफी चिंता वाली बात है। वायुसेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे एयर मार्शल एके सिंह कहते हैं कि जैगुआर करीब 35 साल पुराना है, तकनीक तो पुरानी पड़ जाती है।
वायुसेना जब नए लड़ाकू विमान नहीं खरीदेगी तो पुराने तो उड़ाने पड़ेंगे ही, आखिर वायुसेना तो अपनी जिम्मेदारियों से तो पीछे नहीं हट सकती है न। फिलहाल वायुसेना के पास 30 से 32 लड़ाकु विमानों का स्कावड्रन है जबकि जरूरत 45 की है। अंदाजा लगाइये अगर कोई चुनौती आती है तो कैसे अपने आधे से ज्यादा पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों से बलबूते वायुसेना मुकाबला करेगी।
विमान शहर के बाहर बमरौली में भारतीय वायुसेना के मध्य वायु कमान से करीब 18 किलोमीटर दूर नैनी में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के निकट सुनसान जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। विमान ने 7 बजकर 25 मिनट पर उड़ान भरी थी और 8.47 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया । पुलिस ने बताया कि भूमि पर किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। हादसे को लेकर वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वारी के आदेश दे दिए गए हैं। पिछले छह महीने में छह लड़ाकू विमान हादसे के शिकार हो चुके हैं। इनमें एक सुखोई, दो जैगुआर, दो मिग-27 , एक मिग-21, एक ट्रेनर विमान हॉक और एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिग-35 भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर एसएस विर्दी ने एनडीटीवी इंडिया से बताया कि छह महीने में छह लड़ाकू विमानों का दुर्घटनाग्रस्त होना चिंता की बात है, लेकिन हम हर हादसे से सबक लेकर उस पर कार्रवाई करते हैं।
वैसे 80 के दशक में बिट्रेन से ऐसे दो स्कावड्रन जैगुआर खरीदे गए थे। डबल इंजन वाले इस लड़ाकू विमान को हाल में अपग्रेड भी किया था। दुश्मन के इलाके में घुसकर अंदर तक मार करने में इसका कोई सानी नहीं है। पहले से ही लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही वायुसेना के लिए एक पर एक लड़ाकू विमानों का दुर्घटनाग्रस्त होना काफी चिंता वाली बात है। वायुसेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे एयर मार्शल एके सिंह कहते हैं कि जैगुआर करीब 35 साल पुराना है, तकनीक तो पुरानी पड़ जाती है।
वायुसेना जब नए लड़ाकू विमान नहीं खरीदेगी तो पुराने तो उड़ाने पड़ेंगे ही, आखिर वायुसेना तो अपनी जिम्मेदारियों से तो पीछे नहीं हट सकती है न। फिलहाल वायुसेना के पास 30 से 32 लड़ाकु विमानों का स्कावड्रन है जबकि जरूरत 45 की है। अंदाजा लगाइये अगर कोई चुनौती आती है तो कैसे अपने आधे से ज्यादा पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों से बलबूते वायुसेना मुकाबला करेगी।
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