सोमनाथ चटर्जी की फाइल तस्वीर
कोलकाता:
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की राय से सहमति जताते हुए लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा है कि राजनीतिक शत्रुता और प्रतिशोध नए स्तर पर चला गया है तथा ऐसे में भारतीय राजनीति में आपातकाल का डर बरकरार है।
चटर्जी ने कहा, कुल मिलाकर मैं सहमत हूं कि आपातकाल का डर बरकरार है। राजनीतिक शत्रुता और प्रतिशोध नए स्तर तक पहुंच गया है और दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपातकाल का प्रावधान संविधान में है।
उन्होंने कहा, नागरिक अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक या अनाधिकारिक रूप से आपातकाल लगाए जाने का डर है। यह राज्य और केंद्र दोनों में हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए साक्षात्कार में कहा था कि संवैधानिक एवं कानूनी सुरक्षा उपायों के बावजूद वर्तमान समय में, लोकतंत्र को कुचल सकने वाली शक्तियां मजबूत हैं। उन्होंने कहा था, 1975 से 77 तक आपातकाल के समय से मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ किया गया है, जो इस बात को पुख्ता करे कि नागरिक स्वतंत्रता को दोबारा निलंबित या नष्ट नहीं किया जाएगा। एकदम नहीं।
चटर्जी ने कहा, कुल मिलाकर मैं सहमत हूं कि आपातकाल का डर बरकरार है। राजनीतिक शत्रुता और प्रतिशोध नए स्तर तक पहुंच गया है और दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपातकाल का प्रावधान संविधान में है।
उन्होंने कहा, नागरिक अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक या अनाधिकारिक रूप से आपातकाल लगाए जाने का डर है। यह राज्य और केंद्र दोनों में हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए साक्षात्कार में कहा था कि संवैधानिक एवं कानूनी सुरक्षा उपायों के बावजूद वर्तमान समय में, लोकतंत्र को कुचल सकने वाली शक्तियां मजबूत हैं। उन्होंने कहा था, 1975 से 77 तक आपातकाल के समय से मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ किया गया है, जो इस बात को पुख्ता करे कि नागरिक स्वतंत्रता को दोबारा निलंबित या नष्ट नहीं किया जाएगा। एकदम नहीं।
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