Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि बहुब्रांड खुदरा में एफडीआई छोटे उद्योगों के लिए मृत्युघोष साबित होगा।
लोकसभा में खुदरा में एफडीआई पर बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष स्वराज ने कहा कि सरकार का यह दावा मिथक है कि विदेशी निवेश से किसानों, उपभोक्ताओं को लाभ होगा और रोजगार सृजन होगा।
स्वराज ने कहा, "सरकार खुदरा में एफडीआई की अनुमति देने से पहले सभी घटकों के साथ राय-मशविरा करने के अपने वादे से पलट गई है। यह दुखद है कि राजनीतिक आम सहमति बनाने की कोई कोशिश नहीं की गई और यहां तक कि मुख्य विपक्षी दल के साथ भी कोई बैठक या रायशुमारी नहीं की गई।"
भाजपा नेता ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय अनुभव बताते हैं कि खुदरा व्यापारी मूल्य निर्धारण में लुटेरी नीति अपनाते हैं और वे कीमतें घटा देते हैं ताकि अन्य दुकानें बंद हो जाएं और जब पूरा बाजार समाप्त हो जाएगा तब वे कीमतें बढ़ा देंगे और ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के पास ऊंची कीमतों पर खरीददारी करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा।"
सुषमा ने सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि विदेशी निवेश से बिचौलिए की भूमिका समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, "खुदरा में एफडीआई से बिचौलिया संस्कृति समाप्त नहीं होगी। यहां चीनी उद्योग जैसे उदाहरण भी हैं, जहां कोई बिचौलिया नहीं है, फिर भी किसानों को गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए संघर्ष करना पड़ता है।"
सुषमा ने पंजाब का उदाहरण पेश किया, और कहा कि पेप्सी ने किसानों से आलू और टमाटर खरीदने के वादे किए, लेकिन बाद में वह वादे से पलट गई।
सरकार के इस दावे को खारिज करते हुए कि एफडीआई से रोजगार बढ़ेगा, सुषमा ने कहा, "सरकार कहती है कि एफडीआई से 40 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन इन आंकड़ों पर गौर करें तो यदि हमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देना है तो वालमार्ट, टेस्को और भारत आने वाली अन्य कम्पनियों को 53 शहरों में 36,000 से अधिक स्टोर खोलने की जरूरत पड़ेगी। और इसका अर्थ यह होता है कि प्रत्येक शहर में 600 से अधिक स्टोर होंगे।"
भाजपा नेता ने कहा कि खुदरा में एफडीआई छोटे उद्योगों के लिए मृत्युघोष साबित होगा।
स्वराज ने कहा, "सरकार कहती है कि विदेशी कम्पनियों को 30 प्रतिशत उत्पाद भारतीय छोटे और मध्यम उद्यमों से लेना होगा, यानी 70 प्रतिशत उत्पाद आयात किए जाएंगे। क्या कोई उद्योग 30 प्रतिशत उत्पादन पर टिक सकता है? और 90 प्रतिशत आयातित सामान चीन से आएगा और इससे चीन में रोजगार और विकास होगा, भारत में नहीं।"
सुषमा ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कथन को दोहराते हुए कहा कि छोटे व्यापार अमेरिका में विकास के इंजन हैं।
स्वराज ने कहा, "राष्ट्रपति ओबामा छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खरीदारी करने के लिए अमेरिकियों को प्रोत्साहित करने का अभियान चला रहे हैं। जबकि बाकी दुनिया खुदरा में एफडीआई पर सवाल खड़े कर रही है, ऐसे में हम एफडीआई का स्वागत क्यों कर रहे हैं।"
स्वराज ने सुपरमार्केट्स के खिलाफ यूरोपीय संघ के घोषणा पत्र का उद्धरण दिया और कहा कि वे पूरी दुनिया में किसानों को खराब कीमतें अदा करते हैं।
सुषमा ने कहा, "वे किसानों को कम कीमतें, कर्मचारियों को कम वेतन देते हैं, लेकिन मुनाफा ऊंचा रखते हैं। दुनियाभर के सुपरमार्केट्स यही करते हैं।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं