
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस के नेता एवं सांसद फारुख अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं. गृह मंत्री की यह टिप्पणी सदन में एनसीपी की सुप्रिया सुले द्वारा फारूख अब्दुल्ला के सदन में उपस्थित नहीं होने का जिक्र किये जाने पर आई. सुप्रिया सुले ने सदन में अपनी सीट के पास वाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज वह (फारूख) सदन में नहीं हैं, उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘वह न तो हिरासत में हैं और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं.''जब सुले ने कहा कि हो सकता है नेशनल कांफ्रेंस नेता अस्वस्थ हों. इस पर शाह ने कहा कि इसके बारे में डॉक्टर बता सकते हैं. 'मैं इलाज नहीं कर सकता, यह डाक्टरों को करना है.'' लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 एवं जम्मू कश्मीर संबंधी संकल्प पर चर्चा के दौरान सुप्रिया सुले के अलावा कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और डीएमके केटीआर बालू ने भी नेशनल कांफ्रेंस नेता के बारे में जानना चाहा.'
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर लोकसभा में बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखी बहस हो चुकी है. इससे पहले राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि कार्यपालिका की शक्तियों का दुरुपयोग करने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर ‘‘गंभीर असर'' पड़ेगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित करके, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद करके और संविधान का उल्लंघन करके राष्ट्रीय एकीकरण आगे नहीं बढ़ने वाला है. यह देश भूखंड से नहीं, बल्कि उसकी जनता से बना है.'' इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को अज्ञात स्थानों पर हिरासत में रखा गया है. यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. यह एक बेवकूफी भरा कदम है क्योंकि भारत सरकार की ओर से जो खालीपन पैदा कर दिया गया है इससे आतंकवादियों को मौका मिलेगा. नेताओं को तुरंत छोड़ा जाना चाहिए.
राहुल ने कहा, ‘‘कार्यपालिका की शक्तियों के दुरुपयोग से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.'' सरकार ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक लोकसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया. इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों एवं विधेयक को मंजूरी दे दी. दूसरी ओर दो पूर्व मुख्यमंत्री महबबूा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया है.
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