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4 years ago
नई दिल्ली:

Farmers' Protests: कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और दूसरे राज्यों के किसानों का आंदोलन अपने 20वें दिन में प्रवेश कर चुका है. मुद्दे पर फिलहाल कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात कच्छ में किसानों से मिलने वाले हैं, जिनमें सिख किसान भी शामिल हैं. पीएम मोदी एक दिवसीय यात्रा पर कच्छ जा रहे हैं, जहां वो अलग से किसानों से मुलाकात करेंगे.

किसान संगठनों के नेतृत्व में दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे किसानों ने सोमवार को भूख हड़ताल किया था. उनका आंदोलन लगातार व्यापक होता जा रहा है. किसानों ने दावा किया है कि और भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आंदोलन में शामिल होने वाले हैं. सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर समाधान निकालनोे के लिए बातचीत हो चुकी है लेकिन किसान संशोधन की बजाय कानूनों को वापस लिए जाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

Here are the Updates for Farmers' Protests: 

मोदी ने किसानों, स्वसहायता समूहों के सदस्यों से मुलाकात की
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जिले के किसानों और एक स्थानीय स्वसहायता समूह के सदस्यों से मुलाकात की. विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास के सिलसिले में एकदिवसीय दौरे पर धोर्डों गांव पहुंचे मोदी से मिलने वाले अधिकांश किसान पंजाबी थे जो यहां बस गए हैं. परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए इस सीमावर्ती जिले में आयोजित कार्यक्रम के इतर प्रधानमंत्री की किसानों और स्वसहायता समूहों के सदस्यों से अलग-अलग मुलाकात हुई। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे.
किसानों के प्रदर्शन पर मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया: रावसाहब दानवे
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने मंगलवार को दावा किया कि वर्तमान किसान प्रदर्शन के संदर्भ में उनके द्वारा दिये गये कथित विवादस्पद बयान को 'गलत ढंग से' पेश किया किया. उन्होंने कहा कि वह किसानों के खिलाफ अपमानजनक बयान दे ही नहीं सकते क्योंकि वह स्वयं ही कृषक बिरादरी से हैं. भाजपा नेता ने किसानों के प्रदर्शन को पाकिस्तान एवं चीन से जोड़ने का प्रयास किया था जिसके बाद उनकी विभिन्न वर्गों द्वारा आलोचना की गयी थी. किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.
किसान गुट के नेता पवन ठाकुर ने एनडीटीवी से कहा
भारतीय किसान यूनियन (किसान गुट) के नेता पवन ठाकुर ने एनडीटीवी से कहा, ''हमने नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन फिलहाल 1 महीने के लिए स्थगित करने का फैसला किया है. हमने कृषि मंत्री को एक ज्ञापन दिया है जिसमें हमने 6 मांगे रखी हैं. हमने किसी मंत्री के सामने यह मांग रखी है कि हम एमएसपी पर एक नया कानून बनना चाहिए.''
कृषि मंत्री ने फिर दिया नए कानूनों के जरिए कृषि में सुधार पर जोर

मंगलवार को एग्रोविजन की कृषि-खाद्य प्रसंस्‍करण समिट में कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि किसानों को देश में कृषि सुधार के नए कानूनों का लाभ मिलने लगा है. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निकट भविष्य में काफी रोजगार बढ़ेंगे.

UP की खाप भी होगी आंदोलन में शामिल

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और वह 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. 'अखिल खाप परिषद' के सचिव सुभाष बालियान ने कहा कि शाहपुर पुलिस थानांतर्गत क्षेत्र के शोरम गांव में सोमवार को हुई खाप प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

उन्होंने कहा कि खाप प्रमुखों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार दिया और उन्हें वापस लेने की मांग की. बालियान ने कहा कि उन्होंने 17 दिसंबर को दिल्ली जाकर आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है. (भाषा)
कृषि मंत्री की BKU (किसान गुट) के नेताओं से मुलाकात

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय किसान यूनियन (किसान गुट) के नेताओं के साथ कृषि भवन में थोड़ी देर में मुलाकात करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (किसान गुट) नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों का समर्थन कर रहा है.
रिटेल चेन सप्लाई और दूसरे धंधों पर पड़ा असर

उद्योग संगठनों ने बताया है कि हाईव ब्लॉकेड की वजह से हर रोज उद्योग-धंधों को नुकसान हो रहा है. 
क्रिसमस के त्योहार से पहले टेक्सटाइल, साइकिल, ऑटो पुर्जे और खेल के सामान के ऑर्डर पूरे कर पाना मुश्किल हो गया है. इससे रिटेल चेन सप्लाई में नुकसान से देश भर में फल और सब्जियों की कीमत पर असर पड़ा है. संगठनों ने बताया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर सामान पहुंचाने में 50 प्रतिशत अधिक समय लग रहा है. हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब में बने वेयरहाऊस से दिल्ली सामान पहुंचाने में दिक्कत आ रही है. दिल्ली एनसीआर के बड़े बाजारों में कृषि उत्पाद पहुंचाने में भी परेशानी आ रही है.
उद्योग संगठनों की चिंता- किसान आंदोलन से अर्थव्यवस्था को नुकसान

ASSOCHAM ने चिंता जताई है कि किसान आंदोलन के कारण हर रोज 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. वहीं, CII का कहना है कि हाईवे रुकने से माल ले जाने में बाधा, समय और दूरी 50 प्रतिशत बढ़ी, माल खर्च में 8-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.  पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सबसे अधिक नुकसान हुआ है.

उद्योग संगठनों का कहना है कि कोविड की लॉकडाउन के झटके से उबरने की कोशिश कर रही अर्थव्यवस्था को किसान आंदोलन से झटका लगा है. एसोचैम और सीआईआई ने किसान और सरकार से नए कृषि कानूनों पर मतभेदों को जल्द सुलझाने की अपील की है. 
केंद्रीय मंत्रियों का MSP सिस्टम पर जोर

सरकार और उसके केंद्रीय मंत्री बार-बार कृषि कानूनों के प्रावधानों को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ये कानून किसानों के हित में लाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को एक बार MSP सिस्टम को लेकर ट्वीट किया. 

उन्होंने कहा कि, 'PM नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 14 दिसंबर तक सरकार द्वारा कुल 380 LMT धान MSP मूल्य पर खरीदा गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना से लगभग 21% अधिक है. इस वर्ष अभी तक करीब 42 लाख किसानों को ₹71,778 करोड़ का भुगतान किया गया. किसानों के हित के लिए MSP है, और MSP रहेगा.'

किसानों को सरकार से बातचीत का न्योता नहीं

फिलहाल किसानों को सरकार से बातचीत का कोई न्योता नहीं मिला है. आज किसान संगठनों की 2 बैठकें होनी थीं.12 बजे किसान जथेबंदिया और 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होनी थी. इन बैठकों में आगे के प्लान ऑफ एक्शन का निर्णय लिया जाएगा.
सिंघु बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा

सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था के डीसीपी-इंचार्ज जितेंद्र मणि ने बताया कि यहां पर किसानों की संख्या में निश्चित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए यहां सुरक्षा और टाइट की गई है. पैरा-मिलिट्री फोर्स के सहयोग के साथ काम किया जा रहा है. सीमेंट के बड़े-बड़े अवरोधक रखे जा रहे हैं. यहां पर और भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है.
संसद की स्थायी समिति की आज अहम बैठक

नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच तृणमूल सांसद सुदीप बंधोपाध्याय के अध्यक्षता वाली खाद्य और सार्वजनिक वितरण से जुड़े मामलों पर संसद की स्थाई समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. संसदीय समिति की बैठक संसद परिसर में आज 3:00 बजे होगी. 

इस बैठक मैं खाद्य मंत्रालय और फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी देश में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज की खरीद, अनाज के वितरण और अनाज के स्टोरेज की स्थिति पर प्रेजेंटेशन करेंगे.

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