Farmers' Protests : भारतीय राजदूतों के समूह ने किसान आंदोलन पर कनाडा के रुख को 'वोटबैंक की राजनीति' बताते हुए खुला पत्र लिखा है. इस पत्र पर 22 पूर्व राजनयिकों के दस्तखत हैं, जिनमें कनाडा में उच्चायुक्त रहे विष्णु प्रकाश भी शामिल हैं. पिछले दिनों भारत में हो रहे किसानों के आंदोलन पर कनाडा की प्रतिक्रिया को लेकर भारत में आलोचना हुई है.
इस खुली चिट्ठी में कहा गया है कि कई महत्वपूर्ण गुरुद्वारों पर खालिस्तानी तत्वों का नियंत्रण है, जिससे कि उनकी फंड तक पहुंच है. इसमें आरोप लगाया गया है कि यह लिबरल राजनीतिक दलों के चुनाव अभियान में मदद के काम आता है. इसके तहत वो समय-समय पर प्रदर्शन, रैली आदि आयोजित करते हैं, जहां भारत विरोधी नारे लगते हैं.
इसमें यह भी कहा गया है कि 'खालिस्तानियों और पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स के बीच संपर्क है. पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स ऐसी गतिविधियों में खुल कर भाग लेते हैं और कनाडा सरकार इस पर ध्यान नहीं देती.'
यह भी पढ़ें : 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग किसानों के आंदोलन का फायदा उठाना चाहता है: कानून मंत्री
इस चिट्ठी में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी को गैरजरूरी बताया गया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले ट्रूडो ने एक वीडियो जारी कर किसान आंदोलन पर टिप्पणी की थी और कहा था कि भारत में हो रहे किसान आंदोलन की स्थिति 'चिंताजनक' है. उन्होंने यह भी कहा था कि कनाडा कहीं भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों के साथ खड़ा है. कनाडा के कई दूसरे नेताओं ने भी इन आंदोलनों पर बयान दिया था, जिसे लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से आलोचना की गई थी.
राजदूतों ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा है कि WTO (World Trade Organization) में कनाडा MSP (minimum support price) को लेकर भारत के रुख का आलोचक है. ऐसे व्यवहार से अंतरराष्ट्रीय मंच पर कनाडा की छवि को धक्का लगेगा. अन्य देश कनाडा के खिलाफ ऐसा ही रुख अपना सकते हैं.
चिट्ठी में कहा गया है कि 'भारत कनाडा से अच्छे रिश्ते चाहता है लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता. भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कदमों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस बारे में निर्णय कनाडा के लोगों को ही करना होगा.'
Video: कनाडा के उच्चायुक्त तलब, PM ट्रूडो के बयान पर घमासान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं