Farmers Protest Updates: सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक खत्म हो गई है. किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया है. उनका कहना है कि सरकार शर्तें लगा रही है लेकिन हम शर्त नहीं मानेंगे. किसानों ने फैसला किया कि वे लोग फिलहाल बॉर्डर्स पर बैठे रहेंगे. सात सदस्यीय किसानों की कमेटी में योगेंद्र यादव भी शामिल हैं. तीन नए कृषि कानूनों (Farmers Bill 2020) के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन (Farmers Protest) का आज चौथा दिन है. आंदोलनरत किसान हरियाणा-दिल्ली की सीमा सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं.
सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन तेज करने का आह्वान करते हुए कहा कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा. किसान संगठनों ने सरकार को किसानों पर बातचीत के लिए शर्त न लगाने की नसीहत दी है. इस बीच, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) ने सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को लंगर कराया. उधर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने किसानों का समर्थन किया है और केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किसानों को बुराड़ी मैदान में आने की शर्त के साथ तीन दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव रखा था. इस पर किसान नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि वो किसी शर्त के साथ वार्ता में शामिल नहीं होंगे.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि किसानों के साथ सरकार आतंकवादियों जैसाा व्यवहार कर रही है. राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान हैं. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है जो.देश के किसानों का अपमान करना.
Here are the Updates of Farmers Protest March in Delhi:
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार देर शाम भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा की. सूत्रों के अनुसार, तीनों मंत्रियों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की.
नाराज किसानों ने आज सवाल किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को तीन नए कृषि कानूनों को क्यों लाना पड़ा? जिनके बारे में केंद्र सरकार कहती है कि ये कृषि सुधार से जुड़े हैं और ये दीर्घकालिक मांगों को पूरा करते हैं. तीन महीने से जारी बड़े आंदोलन के बीच दिल्ली के लिए मार्च करने वाले किसान समूह के प्रतिनिधियों ने आज कहा कि सरकार केवल कॉरपोरेट्स के कल्याण में रुचि रखती है, यही कारण है कि इस तरह के "काले कानून" लाए जा रहे हैं.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरुद्ध हजारों किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि ये कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं और उनका आंदोलन अराजनीतिक है.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को एक बार फिर दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जाने की अपील की और कहा कि एक बार तय किए गए स्थान पर पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्च-स्तरीय दल राजधानी के विज्ञान भवन में उनसे बातचीत के लिए तैयार है.
The condition put forward for talks is an insult to farmers. We will never go to Burari (Delhi). It is not a park but an open jail: Surjeet Singh Phul, State President of BKU Krantikari (Punjab) on Union Home Minister Amit Shah's offer to hold talks before 3rd Dec pic.twitter.com/KKjV4Gs59F
- ANI (@ANI) November 29, 2020
केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे।
- Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 29, 2020
We'll not go to Burari (Delhi). Our 30 farmers' organisations take decisions after consensus is developed. Our leaders will brief media about it later today: Baldev Singh Sirsa, Farmers' leader at Singhu border (Delhi-Haryana) on Home Minister's offer to hold talks before 3rd Dec pic.twitter.com/edbacYjaGm
- ANI (@ANI) November 29, 2020
I never called the farmers' protest politically motivated, neither I am calling it now: Home Minister Amit Shah in Hyderabad. pic.twitter.com/6kVTbUhSPk
- ANI (@ANI) November 29, 2020
Delhi: Farmers continue their protest against the farm laws, at Nirankari Samagam Ground in Burari, the govt designated place for the protest.
- ANI (@ANI) November 29, 2020
"Our leaders are holding a meeting. We will follow whatever they decide," says an agitating farmer. pic.twitter.com/J6AbZyVr4m
There should not be any condition for talks with farmers. The talks should be held immediately. They are the farmers of our country. They should be allowed to stage their protest where they want: Delhi Home Minister Satyendar Jain https://t.co/HEjmQRkjuG pic.twitter.com/CVHRXGiupl
- ANI (@ANI) November 29, 2020
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee (DSGMC) offer food to farmers who have gathered at Singhu border (Delhi-Haryana). #FarmersProtest pic.twitter.com/a1mk9U8IDo
- ANI (@ANI) November 29, 2020
Farmers continue their protest against the farm laws at Singhu border (Delhi-Haryana border). #FarmersProtest pic.twitter.com/ZghQzVZE0g
- ANI (@ANI) November 29, 2020
The way farmers have been stopped from entering Delhi, it looks like as if they don't belong to this country. They have been treated like terrorists. Since they are Sikh&have come from Punjab&Haryana, they're being called Khalistani. It is insult to farmers:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XaE529oZUL
- ANI (@ANI) November 29, 2020
अन्य राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों का कहना है कि सिंघु सीमा (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर सड़क अवरुद्ध होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Delhi: Commuters headed towards the national capital from other states say they're facing problems due to road blockade at Singhu border (Delhi-Haryana border).
- ANI (@ANI) November 29, 2020
"We are facing many problems due to the protest. There is no vehicle for steady communication," says a commuter. pic.twitter.com/UZancTXM7m
Farmers continue their protest against the farm laws at Ghaziabad-Delhi border. Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait says, "Protests happen at Ramlila ground, then why should we go to Nirankari Bhawan, a private facility? We will stay put here today". pic.twitter.com/BouymsRTpx
- ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
Security personnel stay put at Singhu border (Delhi-Haryana border) as farmers' protest continues.
- ANI (@ANI) November 29, 2020
Farmers at the border decided yesterday that they'll continue their protest here & won't go anywhere else. It was also decided that they'll meet at 11 am daily to discuss strategy. pic.twitter.com/N7oVTXKVee